प्रयागराज (ब्यूरो)। करछना के रामपुर सेमरहा गांव निवासी बजरंगी यादव का नौ वर्षीय बेटा शुभम पहली अगस्त सोमवार को करंट की चपेट में आ गया था। अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। मंगलवार दो अगस्त को पोस्टमार्टम हुआ। पोस्टमार्टम के बाद सिपाही चला गया। बजरंगी ने शव घर ले जाने के लिए एंबुलेंस वालों से बातचीत की। एंबुलेंस वालों ने 2200 रुपये मांगे जो उसके पास नहीं थे। वह बेटे के शव को कंधे पर लादकर पत्नी सविता के साथ पैदल ही घर के लिए रवाना हो गया। किसी ने मानवता को शर्मशार करने वाले इस घटनाक्रम का वीडियो वायरल कर दिया। इसके संबंधितों में खलबली मची रही। जिलाधिकारी ने गुरुवार को एसडीएम करछना रेनू सिंह व सीएमओ डा.नानक सरन को बजरंगी के घर भेजा। दोनों अधिकारियों ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। बजरंगी, सविता व ग्रामीणों का बयान दर्ज किया।
जांच टीम ने कलेक्ट किये एवीडेंस
जांच कमेटी में शामिल मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा.एसपी सिंह ने पोस्टमार्टम हाउस व परिसर से एंबुलेंस के मनमाने संचालन की छानबीन कर रिपोर्ट तैयार कराई। डीएम ने पुलिस, प्रशासन, सीएमओ, मेडिकल कालेज प्रशासन और बिजली विभाग के अफसरों को भी तलब किया। कहा कि भविष्य में ऐसे प्रकरण सामने नहीं आएं, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग व मेडिकल कालेज दो कर्मियों को पोस्टमार्टम हाउस में तैनात करे। प्राइवेट एंबुलेंस का किराया निर्धारित किया जाए। दूसरी ओर, राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए सीएमओ व स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के प्रधानाचार्य को स्थिति स्पष्ट करने के लिए आठ अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है।
बेहद गंभीर मामला है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। पीडि़त परिवार को आर्थिक व अन्य सहायता दिलाई जा रही है।
संजय कुमार खत्री, डीएम
डीएम-एसएसपी पर बरसीं सांसद
इलाहाबाद की सांसद डा.रीता बहुगुणा जोशी ने प्रकरण में अफसरों की उदासीनता को आड़े हाथ लिया है। उनका कहना है कि उन्होंने पहली अगस्त को डीएम-एसएसपी को फोन कर घटना के बारे में जानकारी दी थी। दोनों अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। सांसद ने गुरुवार को दोनों अफसरों को फिर मैसेज कर कार्रवाई का विवरण वाट्सएप पर ही मांगा।