- कोर्ट की दखल के बाद वैध एक्सपीरियंस लेटर नहीं देने वाले चयनित होंगे बाहर
- यूपीपीएससी ने शुरू किया एक्सपीरियंस लेटर का सत्यापन
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PRAYAGRAJ: गवर्नमेंट इंटर कालेजों यानी जीआईसी में प्रिंसिपल पदों पर हुई भर्ती में कई चयनित अभ्यर्थियों के चयन निरस्त होने का खतरा मंडराने लगा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण भर्ती के बीच में नियमों में हुआ बदलाव है। जिसमें अभ्यर्थियों को एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट के साथ इंटरव्यू में शामिल होने के निर्देश बाद भी बीच में विज्ञापन चेंच करके कई अभ्यर्थियों को बगैर वैद्य सर्टिफिकेट के ही इंटरव्यू में शामिल करा दिया गया। इस मामले को लेकर प्रतियोगी छात्र अशोक कुमार मिश्र ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका संख्या 112 / 2021 की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रतियोगियों के पक्ष में फैसला सुनाया। जिसके बाद आयोग ने पुन: डबल बेंच अपील की। डबल बेंच ने भी आयोग को जारी विज्ञापन के अनुरूप ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया। इसके बाद आयोग की ओर से भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों के डाक्यूमेंट का वेरीफिकेशन शुरू हो गया।
जेडी स्तर के अधिकारी से कराना था सत्यापन
लोक सेवा आयोग की ओर से जारी विज्ञापन में कहा गया था कि इंटरव्यू के लिए चयनित अभ्यर्थियों को एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट को जेडी स्तर के अधिकारी से सत्यापित कराना था। भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह ने बताया कि दिल्ली समेत कई राज्यों में जेडी का पद ही नहीं है। ऐसे में कई अभ्यर्थियों ने अन्य जिले स्तर के अधिकारियों से सत्यापन कराकर सर्टिफिकेट दिया है। जबकि जेडी स्तर के अधिकारी का पद मंडल लेवल पर होता है। ऐसे में जिन अभ्यर्थियों ने जेडी स्तर के अधिकारी के बजाए जिले स्तर के अधिकारी से एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट जमा किया है। उनके चयन के बाद भी बाहर होने का खतरा बना रहेगा।
नोटिफिकेशन में क्यों किया बदलाव
भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष का कहना है आखिर आयोग ने बीच में नोटिफिकेशन में बदलाव क्यो किया। जब हाईकोर्ट का आदेश है कि किसी प्रकार से बीच में नियम नहीं बदल सकते हैं। कौशल सिंह ने अनियमितता के जरिए चयनित अभ्यर्थियों का अभ्यर्थन निरस्त करके यूपी के अन्य अभ्यर्थियों का चयन देने की मांग की है।