प्रयागराज (ब्यूरो)। हनुमान मंदिर के पीछे दीवार से सटा कर बस स्टॉप यात्री शेड बनाया गया। यह बस स्टॉप पत्रिका चौराहे से सिविल लाइंस की तरह बढऩे पर बाईं तरफ स्थित है। जबकि पत्रिका चौराहे की तरफ आने पर दाहिनी ओर सिविल लाइंस चौराहे पर आयकर विभाग गेट के पास ही यात्री शेड बस स्टॉपेज बनाया गया है। आयकर गेट के बगल चौराहे पर बनाए गए इस बस स्टॉपेज पर प्रतापगढ़, कुण्डा, नवाबगंज आदि जगह जाने वाली प्राइवेट बसों का कब्जा है। पूरी रोड पर बस खड़ी करके चालक सवारियों को बैठाते व उतारते रहते हैं। लोकल सवारियों के लिए यहां ई-रिक्शा व टैक्सी वालों का जमावड़ा लगा रहता है। ऐसी स्थिति में सड़क पर जाम की स्थिति हमेशा बनी रहती है। जाम और यहां कब्जा करने वालों से विवाद के डर से सिटी बस चालक यहां रुकते ही नहीं। ऐसे में सिटी बस के लिए यात्रियों को सिविल लाइंस में हाथ देकर बीच चौराहे पर रोक कर बैठना व उतरना पड़ता है। सवारी के लिए सिटी बसों के चौराहे पर खड़ी हो जाते से और भी जाम की स्थिति बन जाती है। ठीक चौराहे पर ही सिविल लाइंस चौकी है जहां पर हर वक्त पुलिस रहती है। बस स्टॉप पर कब्जे की इस स्थिति को देखना पुलिस के जवान भी उचित नहीं समझते। सब कुछ देखकर भी अनजान बनी पुलिस की मंशा को लेकर लोगों में तरह-तरह के सवाल हैं।
हम यहां दूसरी बार आए हैं। इस मर्तबा पुलिस लाइंस में प्रमाण पत्र व फिटनेस चेक कराना है। पुलिस की लिखित परीक्षा 2021 पास करने पर बुलाए गए। स्टेशन पर भोर में उतरे तो वहां से टैक्सी लेनी पड़ी। यात्री शेड पर बस तो नहीं थी पर टैक्सी वालों का कब्जा था। सिविल लाइंस पहुंचे तो यहां भी बस स्टॉप पर यात्री शेड के सामने प्राइवेट बसें खड़ी थीं और आसपास ढेर सारे दुकानदार खड़े मिले। पूछने पर वह बताए कि सिटी बस यहां नहीं मिलेगी।
अवतार सिंह, अलीगढ़
सिविल लाइंस हनुमान मंदिर के पीछे का बस स्टॉपेज व यात्री शेड प्राइवेट पर बस एवं ई-रिक्शा व दुकानदारों का कब्जा है। सामने पुलिस चौकी है। चौकी के जिम्मेदार भी यात्रियों के लिए बनाए गए गए बस स्टॉपेज पर कब्जे की तरफ नहीं देखते। जिससे हमीं को नहीं हजारों यात्री रोज परेशान होते हैं। बगल में रोडवेज बस स्टैंड होने के बावजूद कब्जे की वजह से यहां बसें नहीं खड़ी हो पातीं।
शुभम पांडेय, गाजीपुर
पिछले तीन वर्षों से हम यहां रह रहे हैं। सिविल लाइंस हनुमान मंदिर के पीछे बनाया बस स्टॉप व्यर्थ ही है। क्योंकि अधिकारियों की उपेक्षा से वहां सिटी बसों के बजाय प्राइवेट बसें हमेशा खड़ी रहती हैं। ऐसे में सिटी बस के चालक व परिचालक उन्हें हटाकर तो यहां बस रोकेंगे नहीं। चूंकि सिटी बसें यहां रुकती नहीं इस लिए यात्री भी शेड में बस का इंतजार नहीं करते। बस स्टॉपेज के सामने प्राइवेट बसों के कब्जे से ऐसे ही जाम की स्थिति बनी रहती है। ऊपर से दुकानदार कब्जा कर रखे हैं उनके ग्राहक भी रोड पर अपनी गाडिय़ां खड़ी कर देते हैं।
प्रवीन कुमार, बलिया
बस स्टॉपेज व यात्री शेड बनाकर सिर्फ अधिकारियों ने सरकार के पैसे की बर्बादी की है। बर्बादी इसलिए कह रहे क्योंकि जिस उद्देश्य से इसे बनाया गया जब उसका लाभ यात्रियों को नहीं मिल रहा है। सभी को सब कुछ पता है। मगर वह जानबूझ कर इस तरह देखना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। हमारे झूंसी में तो बस स्टॉपेज बनाया ही नहीं गया है। जबकि झूंसी प्रति दिन हजारों लोग व छात्रों का शहर आना जाता होता है।
दीपू गुप्ता, झूंसी