प्रयागराज (ब्‍यूरो)। प्रयागराज में रहने वाले डीपी तिवारी एक कारपोरेट कंपनी के इम्प्लाई हैं। बुधवार को दिन में मुलाकात हुई तो चाय आफर की गयी। इस पर उनका जवाब था कि आज व्रत है। बुधवार को व्रत? सवाल सामने रखा तो बोले करवा चौथ के लिए रखा है। कहने लगे जब पति हमारी उम्र के लिए इस तरह का त्याग कर रही है तो मैं क्यों नहीं कर सकता। यानी करवा चौथ का पर्व सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं रहा। पुरुष भी इसमें बराबर के शरीक हैं।

बुधवार को यह पर्व प्रयागराज में पूरे जोश, उत्साह और आस्था के साथ मनाया गया। परिवार में सुख, समृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए सुहागिनों ने परंपरागत तरीके से व्रत रखा। कार्तिक कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को रखे जाने वाले इस व्रत को लेकर सुबह से ही घरों में तैयारी चलती रही। तमाम महिलाओं ने मंगलवार को ही हाथों पर मेंहदी रचवा ली थी। येन केन प्रकारेण जिसे वक्त नहीं मिल पाया उन्होंने बुधवार को हाथों पर पिया के नाम के साथ मेंहदी रचाई। व्रत रखने वाली तमाम महिलाएं भोर में संगम, गंगा व यमुना घाट पहुंचीं और स्नान किया। स्नान-दान के साथ घाट पर पूजन करके करवा चौथ का व्रत निर्विघ्न पूर्ण होने की प्रार्थना की। घर के भीतर दिनभर माहौल धार्मिक रहा। दोपहर बाद परिवार के सदस्यों के साथ पकवान बनाने व पूजन की तैयारी में जुट गई।

देर तक चांद ने कराया इंतजार
सामान्य दिनों में चांद कब निकलता है, इससे किसी को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता लेकिन बुधवार का दिन खास था तो इसका इंतजार भी बेसब्री से था। सर्वार्थ सिद्धि योग लगने से व्रत का महत्व बढ़ गया। चांद निकलने का एक्चुअल टाइम जिले पता था वह तो तैयारी से थी लेकिन जिन्हें नहीं पता था वह शाम साढ़े सात बजे के बाद ही ही चांद निकलने का इंतजार करती दिखने लगीं। सुहागिनों ने सोलह श्रृंगार करके मां गौरी, भगवान शंकर, गणेश व कार्तिकेय का पूजन किया। पूजा पूर्ण होने पर चंद्रमा को अघ्र्य देकर चलनी से देखा फिर उसी से पति को देखकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद सास को लोटा, वस्त्र व विशेष करवा देकर चरण स्पर्श किया। इसके बाद पति ने पानी पिलाकर व्रत तोड़वाया।

आनलाइन होकर पूरी की रस्म
करवाचौथ पर कुंवारी युवतियों ने भी व्रत रखकर पूजन किया। विधि-विधान से गौरी, शंकर, गणेश, कार्तिकेय व चंद्रमा का पूजन किया। मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने वाली युवतियों को योग्य वर मिलता है। करवा चौथ का व्रत रखने वाली तमाम महिलाएं ऐसी भी थीं जिनके पति या तो वर्कप्लेस पर थे या फिर आउट ऑफ सिटी थे। इन महिलाओं के लिए पति का चेहरा देखने में काम आयी वीडियो कॉलिंग। व्रती महिलाओं ने पूजन के दौरान एक-दूसरे के साथ सेल्फी लिया। पूजन बाद पति व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सेल्फी ली।