प्रयागराज ब्यूरो । मदद करने की हसरत ने एक छात्र को पेड़ पौधों का प्रेमी बना दिया। लोगों की मदद कैसे की जाए, इस सवाल के जवाब में छात्र को हल सूझा तो उसे पौधे लगाने का जुनून हो गया। छत पर खाली पड़ी जगह को उसने बगीचे में बदल दिया। सब्जियां उगाईं। फूलों के पौधे लगाए। अब इस छात्र की देखा देखी आस पड़ोस के लोग भी प्रेरित हो रहे हैं। इस तमाम कोशिशों के बीच वह पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रहे हैं।
एक साल पहले शुरू की बागवानी
नैनी के गंगोत्री नगर के रहने वाले संदीप तिवारी की उम्र है करीब 29 साल। संदीप मास्टर ऑफ लाइब्रेरी का कोर्स कर रहे हैं। कूल माइंड के संदीप लाइब्रेरियन बनना चाहते हैं। किताबों से संदीप की गहरी दोस्ती है। पढ़ते पढ़ते संदीप के मन में लोगों के मदद की बात आई। आखिर तमाम जरुरतमंद की मदद कैसे की जाए। जब ये सवाल मन में आया तो तमाम विचार दिमाग में कौंधे। आखिरकार संदीप ने पेड़ पौंधों के जरिए मदद की सोची। और फिर बागवानी में जुट गए।
परिवार ने की मदद
संदीप ने छत पर बागवानी की बात जब अपने परिवार को बताई तो सभी उसका साथ देने के लिए तैयार हो गए। पिता डा.गिरधारी लाल तिवारी, छोटे भाई चेतन ने पूरा सहयोग किया। बागवानी के बारे में संदीप को कोई जानकारी नहीं थी। कई बार पौधे लगाए तो वे देखरेख की समझ न होने की वजह से मुरझा गए। मगर संदीप ने हार नहीं मानी। और नतीजा ये रहा कि अब संदीप की बागवानी पूरे कॉलोनी में चर्चा में है।
इन पौधों से सजाई अपनी छत
संदीप ने अपनी छत पर लेमन ट्री, बैगन, मिर्चा, परवल, कुंदरु, शिमला मिर्च, गोभी, धनिया, नींबू, सेम, बीन्स, स्ट्राबेरी, तुलसी, चमेली, गुलाब, रातरानी, टमाटर, लौकी समेत कई पौधे लगा रखे हैं। इन पौधों की नर्सरी तैयार कर संदीप उसे अपने जानने वालों को देते हैं। ताकि लोग भी बागवानी के प्रति जागरुक हों।
ऐसे करते हैं लोगों की मदद
संदीप अपनी छत पर उगने वाली सब्जियों को तमाम ऐसे लोगों को देते हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। संदीप का कहना है कि लोगों को जब वे थैली में सब्जी देते हैं तो उनकी मुस्कान देख उन्हें बहुत आत्मसंतोष होता है। इसके अलावा फूलों की नर्सरी तैयार कर वे पौधे भी देते हैं। संदीप का कहना है कि तमाम लोग फूल पौंधों के शौकीन होते हैं। मगर नर्सरी में पौधे महंगे दाम पर मिलते हैं। ऐसे में वे अपने तमाम जानने वालों को फूलों के पौधे भेंट करते हैं। यही नहीं, कुछ दिनों बाद संदीप अपने द्वारा दिए गए पौधे का हाल भी पूछते हैं। संदीप ने बताया कि अपनी कॉलोनी में अभिषेक द्विवेदी, सुमित शुक्ला समेत कई लोगों को उन्होंने छत पर बागवानी के लिए जागरुक किया है।
पेड़ पौधों के जरिए भी लोगों की मदद की जा सकती है। जब मन में ये विचार आया तो फिर छत पर खाली पड़ी जगह में बागवानी शुरू कर दिया। एक साल हो गया। अब तमाम पौधे मेरे पास हैं।
फूल पौधें का शौक बहुत लोग रखते हैं। पर नर्सरी से खरीद नहीं पाते हैं। लोग छत पर सब्जियां भी उगा सकते हैं। ऐसे लोगों की मदद के लिए मैंने ये काम शुरू किया। जब तमाम लोग मेरे इस काम के साथ जुड़ रहे हैं।
संदीप तिवारी, छात्र