प्रयागराज (ब्यूरो)। नगर निगम चुनाव नजदीक है। प्रत्याशी मैदान में है लेकिन सवाल जनता के दिलो दिमाग पर हैं। जनता अपने मन की बात करना चाहती है लेकिन उसे मंच नही मिल रहा है। लेकिन अभी नहीं तो
कभी नहीं। फिर पांच साल जनता को नगर निगम चुनाव से जुड़ी अपनी बातों को रखने का मौका नही मिलेगा। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट इसी को लेकर जनता के बीच परिचर्चा लेकर आया है। इसी क्रम में शनिवार की शाम हमने सिविल लाइंस के होटल यश पदम कांटीनेंटल में जनता और व्यापारियों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को जाना। क्या हैं उनके मुद्दे उन्होंने भी खुलकर हमें बताया। उम्मीद है इन मामलोंं को लेकर सरकार और नगर निगम में बनने जा रही मिनी सदन ध्यान देगी।
हाउस टैक्स पर खुलकर रखी अपनी राय
परिचर्चा के दौरान तमाम मुद्दों पर खुलकर बात हुई लेकिन सबसे ज्यादा हाउस टैक्स और वाटर टैक्स को लेकर लोगों ने नाराजगी जताई। बोले, पहले तो सुविधा दिए बिना टैक्स लिया जा रहा है। फिर, इसका कोई पैमाना नही है। जहां जैसा मन आया टैक्स जनता के सिर पर लाद दिया। इसके अलावा साफ सफाई, पार्किंग, ई रिक्शा, आवारा जानवर आदि मामलों पर भी लोगों ने शिकायत दर्ज कराई। आइए जानते हैं कि किसने क्या समस्या सामने रखी।
व्यापारी वर्ग पहले से कोरोना से त्रस्त है। इस पर हैवी हाउस टैक्स और वाटर टैक्स लगाया जा रहा है। कामर्शियल में ब्याज अधिक लग रहा है। इसे खत्म कर जनता को राहत प्रदान की जानी चाहिए।
विपुल मित्तल, महामंत्री, अग्रवाल समाज
- सफाई व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए। बाजारों में अधिक ध्यान दें। काम्प्लेक्स में टायलेट की व्यवस्था की जाए। इसकी कमी से बहुत परेशानी होती है। सुरक्षा के लिहाज से सड़कों पर लाइट का बंदोबस्त किया जाए।
आशीष कुमार गुप्ता, अध्यक्ष, प्रयागराज उद्योग व्यापार मंडल
हाउस टैक्स में बेतहाशा वृद्धि की गई है। इस पर व्यापारियों की सुनवाई भी कोई नहीं कर रहा है। मेरा मानना है कि जो भी मेयर बने वह इस मुद्दे पर जरूर ध्यान दे। सड़कों पर आवारा कुत्तों का इलाज किया जाए। इससे जनता परेशान है।
योगेश गोयल, अध्यक्ष, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
स्मार्ट सिटी बन रहे प्रयागराज में हाउस टैक्स और वाटर टैक्स के सर्वे के नाम पर अवैध वसूली बंद हो। प्राइवेट एजेंसियों पर लगाम लगनी चाहिए। डिवाइडर पर लगे पौधों का विशेष ध्यान देना चाहिए।
अनिल दुबे, जिलाध्यक्ष, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
घरों में पानी नही पहुंच रहा है लेकिन बढ़ाकर वाटर टैक्स टैकस लिया जा रहा है। हाउस टैक्स का भी यही हाल है। कामर्शियल और रेजीडेंशियल हाउस टैक्स को लगाने का अनुपात निश्चित होना चाहिए।
नवीन अग्रवाल, वरिष्ठ महामंत्री, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
शहर मं बीस नए वार्ड बना दिए गए हैं। लेकिन इनमें कोई सुविधा उपलब्ध नही है। फिर भी हाउस टैक्स और वाटर टैक्स लिया जा रहा है। सीवर डेवलप करना भी जरूरी है। यह मूलभूूत जरूरते हैं।
विकास वैश्य, उपाध्यक्ष, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
शहर में हजारों की संख्या में ई रिक्शा का संचालन किया जा रहा है लेकिन इनके लिए कोई प्लानिंग नही बनी है। इनकी वजह से ट्रैफिक सिस्टम कोलैप्स हो रहा है। इनका रूट निर्धारण करना जरूरी है।
पीयूष पांडेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
शहर में जगह- जगह सीवर लाइन तो बना दी गई लेकिन इसक ट्रीटमेंट नही होने से इनमें बड़े बड़े चूहे हो गए हैं। यह पाइप के माध्यम से घरों में जाकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। इनका इलाज अभी तक नही खोजा जा सका है।
अंकित सरन, विधि सलाहकार, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
नगर निगम ने डोर टूू डोर कूड़ा कलेक्शन शुरू करा दिया लेकिन इनकी मानीटरिंग नही हो रही। कई मोहल्लों में यह टाइम से नही आते हैं। कभी कई दिन का गैप कर देते हैं। पूछने पर सही जवाब भी नही देते हैं।
सचिन दुबे, उपाध्यक्ष, प्रयाग व्यापार मंडल
हाउस टैक्स लिया जा रहा है लेकिन सुविधा नही दी जा रही है। कामर्शियल हाउस टैक्स का ब्याज कई गुना लगाया जा रहा है। इससे लोग परेशान हैं। मेरा कहना है कि अगर पूरी सुविधा दो तो टैक्स भी लो।
जितेंद्र गुप्ता, उपाध्यक्ष, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
पहले कामर्शियल हाउस टैक्स दस गुना किया और फिर उसे सौ गुना कर दिया। कोई नियम ही नही है। मनमानी तरीके से टैकस लगाया जा रहा है। नही देने पर कुर्की की चेतावनी दी जा रही है।
शहनवाज हुसैन, मंत्री, युवा अखिल भारतीय व्यापार मंडल
हाउस टैक्स को कम किया जाना चाहिए। लोगों के घरों पर अचानक हैवी हाउस टैकस लगा दिया जाता है। पूछने पर जवाब भी नही दिया जाता है। एक तरफा वसूली जारी है। इस पर नगर निगम को रोक लगानी चाहिए।
सैयद गुलरेज अख्तर, सहमंत्री, युवा अखिल भारतीय व्यापार मंडल
कटरा में अतिक्रमण बड़ा मुददा बन गया है। दुकानदार के साथ ग्राहक अपने वाहन जहां तहां लगा देते हैं। इससे कई दुकानों की बिक्री प्रभावित होती है। सरकारी वाहन भी बेतरतीब तरीके से खड़े होते हैं। कटरा के लिए पार्किंग की तत्काल व्यवस्था होनी चाहिए।
अमित अग्रवाल, मंत्री, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
इस परिचर्चा में उठाई गई सभी समस्या महत्वपूर्ण हैं। नगर निगम के चुनाव में इनका विशेष महत्व है। खासकर हाउस टैक्स एक ज्वलंत मुददा है और इससे व्यापारी अधिक परेशान हैं। इसका हल निकलना जरूरी है।
डॉ। प्रवीण, सदस्य, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
आवारा पशु बहुत बड़ी समस्या हैं। इससे लोगों को परेशानी होती है। यह एक्सीडेंट का कारण बनते हैं। जिसमें इनको भी हानि होती है। नगर निगम को इनकी व्यवसथा करनी चाहिए। आवारा कुत्तों से भी राहगीरों को परेशानी होती है।
रोहित गुप्ता, उपाध्यक्ष, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
मोहल्लों के पार्कों में अतिक्रमण हो चुका है। बच्चों को खेलने की जगह नही बची है। इनका सौंदर्यीकरण भी नही होने से यह बदहाल हो गए हैं। फागिंग पर विशेष ध्यान दें। इसकी गुणवत्ता दोयम दर्जे की है।
डीके वर्मा
सबसे पहले हाउस टैक्स और इसके बाद ई रिक्शा दोनों बहुत बड़े मुददे हैं। दोनों जनता पर मनमानी लागू किए गए हैं। इनका कोई हल भी नही है। इनका समाधान तरीके से किया जाना चाहिए।
पृथ्वी जायसवाल ,महामंत्री युवा अखिल भारतीय व्यापार मंडल
सड़कों पर गड्ढे बहुत अधिक हो गए हैं। इनकी मरम्मत कब होगी समझ नही आ रहा। कोई सुनवाई नही हो रही है। नालों की साफ सफाई भी जरूरी है। नालियां भी ओवर फ्लो हो रही हैं।
विनय जायसवाल, सहमंत्री, युवा अखिल भारतीय व्यापार मंडल
बारिश आने वाली है और तब जलभराव सबसे बड़ी समस्या होगी। इसका इलाज नही होने से डेंगू का प्रसार होगा। इसलिए अभी से इस मामले पर नजर रखी जानी चाहिए। सड़कों पर अवैध डिवाइडर हटाए जाने चाहिए।
महेंद्र चंद्र केसरवानी, सदस्य युवा अखिल भारतीय व्यापार मंडल
जनता के टाप टेन मुददे
हाउस टैक्स
वाटर टैक्स
ई रिक्शा
पार्किंग
अतिक्रमण
आवारा जानवर
साफ सफाई
शौचालय
स्ट्रीट लाइट
सड़कों पर गड्ढे