प्रयागराज ब्यूरो । - नई पेंशन स्कीम कर्मचारियों के साथ छलावा है। सरकार हमारे पैसे से जुआ खेल रही है। कर्मचारियों का पैसा शेयर मार्केट में लगाया जा रहा है। उनको पता नही है कि रिटायरमेंट के बाद उन्हे कितनी पेंशन मिलेगी। कई ऐसे कर्मचारी हैं जिनको रिटायर होने के बाद 1000 से 1500 रुपए पेंशन मिल रही है। अब इनका बुढ़ापा कैसे कटेगा। यह कहना था सरकारी कर्मचारियों। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर पत्थर गिरिजाघर चौराहे पर हजारों की संख्या में राज्य और केंद्र कर्मचारियों ने मंगलवार को जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने अपनी मांगों को लेकर प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा।
इसलिए नही है पसंद है न्यू पेंशन स्कीम
कर्मचारियों का कहना था कि ऐसे कई कारण है जिसकी वजह से उन्हें एनपीएस यानी न्यू पेंशन स्कीम पसंद नही है।
- नई पेंशन स्कीम में डीए नही बढ़ेगा, जबकि पुरानी पेंशन में महंगाई भत्ता लगातार बढ़ रहा था।
- ये निश्चित नही है कि पेंशन कितनी मिलेगी, पुरानी पेंशन में तय था कि आखिरी मूल वेतन का आधा तो कम से कम मिलेगा ही।
- नई पेंशन में अंशदान दिया जा रहा है जबकि पुरानी पेंशन स्कीम में ऐसा नही था।
- पुरानी पेंशन में जीपीएफ काटा जाता था लेकिन नई पेंशन में ऐसा नही है।
- पुरानी पेंशन स्कीम में जरूरत पडऩे पर कर्मचारी रकम निकाल लेता था लेकिन नई स्कीम में बमुश्किल पैसा मिलता है।
- नई पेंशन स्कीम में पैसे का कोई हिसाब नही है जबकि पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद खुद को सेफ समझता था।
कोई रास्ता नही, हमें पुरानी पेंशन ही चाहिए
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में कर्मचारियों ने दो टूक जवाब दिया, उन्होंने कहा कि हमें बीच का कोई रास्ता नही चाहिए। हम चाहते हैं कि एनपीएस के तहत जो भी पैसा काटा जा रहा है उसे ओल्ड पेंशन स्कीम में मर्ज कर उसे लागू कर देना चाहिए। जब तक सरकार हमारी मांग नही मानेगी, कर्मचारी प्रदर्शन करते रहेंगे। अगर कर्मचारियों का डीए बढ़ता है तो इसका पेंशन पर कोई असर नही पड़ेगा। इससे एनपीएस में कर्मचारियों को घाटा लगेगा। कर्मचारियों ने यह भी कहा कि 2005 से पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया गया। इसके बाद विभागों में कई पद बढ़े और घटे, लेकिन इससे पेंशन पर कोई फर्क नही पड़ा।
परिजनों के साथ निकालेंगे जुलूस
उधर पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मंच प्रयागराज के संयोजक आर डी यादव की अध्यक्षता में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर धरना स्थल पर हजारों की संख्या में राज्य और केंद्रीय कर्मचारियों ने आंदोलन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। बताया गया कि दोनो सरकारों द्वारा पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो तृतीय चरण के आन्दोलन कर्मचारी शिक्षक समाज परिवार जनों के साथ 21 मई मशाल जुलूस निकालेगा। धरने का संचालन मंच के सह संयोजक सचिव विनोद कुमार पांडेय ने किया। धरने में केंद्रीय संगठन एनसीआरएमयू के राष्ट्रीय महामंत्री आरडीयादव व उन्हीं के संगठन के डीएस यादव, सईद अहमद, एके सिंह, सुभाष प्रजापति, नागेंद्र बहादुर आदि उपस्थित रहे। दूसरी ओर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद प्रयागराज की ओर से सह संयोजक व परिषद् अध्यक्ष राग विराग, सौरभ गुप्ता, ध्रुव नारायण, अजय राजू, जितेंद्र चतुर्वेदी, सुरेश सिंह, विवेक वर्मा, अल्प नारायण सिंह आदि उपस्थित रहे।ये भी धरने में रहे शामिल
लेखपाल संघ के जनपद अध्यक्ष राज कुमार सागर, के नेतृत्व में हजारों की संख्या में सदस्यों ने गवर्मेंट प्रेस शिक्षा निदेशालय माध्यमिक शिक्षा परिषद विकास भवन पी डब्लू डी, सिंचाई, बाल विकास, लेखा एवं लेखा परीक्षक विभाग, कृषि विभाग,चकबंदी विभाग आदि के विभागों के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन की मांग की। पीएम और सीएम को भेजे गए ज्ञापन को परिषद अध्यक्ष ने सदन में पढ़कर सुनाया जिसकी सदन ने ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित किया।
वर्जन
नई पेंशन स्कीम कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार से फायदेमंद नही है। इसमें कई कमियां हैं। पहली बात तो यह निश्चित नही है कि कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद कितनी पेंशन दी जानी है।
अवनीश पांडेय, जिला मंत्री, लेखपाल संघ
पुरानी पेंशन स्कीम काफी फ्लैक्सिबल थी। कर्मचारी जब चाहते थे अपनी जरूरत के मुताबिक पैसा निकाल लेते थे लेकिन अब ऐसा नही है। उन्हं येह भी नही मालूम कि कितनी पेंशन मिलेगी।
कुलदीप यादव, लेखपाल
नई पेंशन स्कीम में अंशदान दिया जाता था लेकिन पुरानी पेंशन स्कीम में ऐसा नही था। उसमें कर्मचारी को मिलने वाले अंतिम मूल वेतन आधा पेंशन में मिलता था जिसमें महंगाई भत्ता भी बढ़ता था।
रमेश मणि त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष, अमीन संघ
कर्मचारियों के पास बीच का कोई रास्ता नही है। नई पेंशन हमें नही चाहिए। पुरानी पेंशन स्कीम सरकार को लागू करना होगा। उसे तत्काल लागू करना चाहिए। इसमें कर्मचारियों का हित है।
राजेश तिवारी, अध्यक्ष सदर तहसील, अमीन संघ
कई मामले ऐसे सामने आए हैं जिसमें रिटायरमेंट के बाद लोगों को 1000 से 1500 रुपए ही पेंशन मिली है। इससे हम सब सकते हैं। सरकार हमारे पैसे का जुआ खेल रही है, उसे शेयर मार्केट में लगाया जा रहा है।
राग विराग, अध्यक्ष, राजय कर्मचारी संघ परिषद
पेंशनर भी इस आंदोलन में कर्मचारियों के साथ है। हमें भी अपने और कर्मचारियों के बेटे-बेटियों की चिंता है। अगर सरकार उनको पुरानी पेंशन नही देगी तो उनका भविष्य भी अधर में पड़ जाएगा।
श्याम सुदंर सिंह पटेल, पेंशनर व सेवानिवृत्त कारगिल सेनानी