प्रयागराज ब्यूरो । उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या के बाद पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अरबाज और उस्मान चौधरी को लेकर फारेंसिक टीम ने शनिवार को साक्ष्य संकलित किया। लखनऊ की फोरेंसिक टीम ने धूमनगंज और कौंधियारा में मुठभेड़ स्थल पर पहुंचकर सीन रिक्रिएशन भी किया। फोरेंसिक टीम ने स्थानीय पुलिस से मुठभेड़ के संबंध में जानकारी भी जुटाई है। सीन रिक्रिएशन के पीछे एनकाउंटर को लेकर उठने वाले सवाल के बीच सच्चाई को पता लगाने की बात कही जा रही है।

नेहरू पार्क के पास मारा गया था अरबाज

जयंतीपुर सुलेम सराय में जीटी रोड पर 24 फरवरी की शाम उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद अभियुक्तों की गिरफ्तारी व तलाश में पुलिस के साथ ही एसटीएफ को लगा दिया गया था। हत्याकांड के तीसरे दिन धूमनगंज पुलिस और एसओजी की टीम ने शूटरों की कार चलाने वाले अरबाज को नेहरू पार्क में जंगल के बीच मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। मुठभेड़ में इंस्पेक्टर धूमनगंज राजेश मौर्या भी जख्मी हो गए थे। अरबाज पूरामुफ्ती का रहने वाला था और वह शूटरों की कार चलाकर उमेश पाल के घर तक पहुंचा था। इस एनकाउंटर के बाद छह मार्च को पुलिस ने कौंधियारा में शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान को मार गिराया था। उस्मान ने ही उमेश पाल को पहली गोली मारी थी। पुलिस का कहना है कि दोनों एनकाउंटर में मारे गए शूटर व चालक को लेकर लखनऊ की फोरेंसिक टीम ने सीन रिक्रियशन करके घटनाक्रम को समझा है।