प्रयागराज ब्यूरो । : बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण मामले की फाइनल सुनवाई आज होगी। इसके बाद फाइल जज्मेंट में लग जाएगी। यह मामला एमपीएमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। इसी प्रकरण में कोर्ट में गवाही के बाद सजा के बिन्दु पर आरोपितों के खिलाफ फैसला आना है।

11 में बचे हैं अब दस आरोपित

वर्ष 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या हुई थी। इस घटना में उमेश पाल चश्मदीद गवाह थे। आरोप है कि मामले के आरोपितों द्वारा 2006 में उमेश पाल का अपहरण करके आरोपित अपने पक्ष में गवाही करा लिए थे। खुद के किए गए अपहरण का केस उमेश पाल द्वारा दर्ज कराया गया था। उमेश के जरिए अपहरण के मामले में कुल नौ लोग नामजद किए गए थे। उमेश पाल के अधिवक्ता बताते हैं कि अपहरण के इस केस में नौ लोग नामजद किए गए हैं। इन आरोपितों में माफिया अतीक अहमद व उनका भाई अशरफ मुख्य आरोपित है। इनके साथ ही अतीक के खास दिनेश, अंसार अहमद, खान सोलत हनी, जावेद, इशरार, आसिर्फ उर्फ मल्ही, एजाज अख्तर, आविद सहित कुल 11 लोग प्रकरण में आरोपित हैं। इन आरोपितों में अंसार अहमद की डेथ हो चुकी है और अब दस आरोपित शेष हैं। एमपीएमएलए कोर्ट में चल रहे इस अपहरण के मुकदमें वादी यानी उमेश पाल सहित कुल आठ लोगों की गवाही हो चुकी है। जबकि आरोपितों की तरफ से अब तक 54 कोर्ट में पेश किए गए हैं। इन सभी की गवाही हो चुकी है। मामला फाइनल स्टेज पर पहुंच चुका था। इस बीच आरोपितों की ओर से तीन और गवाह पेश करने के लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी गई थी। इस डिमांड को हाईकोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था। सजा के बिन्दु पर 27 फरवरी को आरोपितों की ओर से पक्ष रखा जाना है। इस फाइनल बहस के बाद फाइल जज्मेंट में लग जाएगी। अधिवक्ता कहते हैं कि इसके बाद यह कोर्ट पर डिपेंड करता है कि फैसला शेम-डे होगा या फिर इसके लिए कोई और डेट दी जाएगी।

आज उमेश अपहरण कांड में फाइनल सुनवाई होगी। सजा पूर्व आरोपित अपना पक्ष कोर्ट में रखेंगे। इसके बाद कोर्ट पर यह डिपेंड करेगा कि सजा के बिन्दु पर उसी दिन फैसला होगा या कोई और डेट पर।

विक्रम सिन्हा, अधिवक्ता उमेश पाल केस