प्रयागराज (ब्यूरो)। हास्य कवि डंडा बनारसी ने अपने अंदाज में सुनाया 'मेरे मामा गवइये है वो दीपक राग गाते हैं, जिसको सुनकर गदही और गधहे भाग जाते हैÓ डा। आभा श्रीवास्तव ने 'नखरेली कचनार हाय मैं गीली हो गई-आया होली का त्यौहार मैं तो रंगीली हो गईÓ सुनाकर माहौल होलीमय कर दिया। संचालन कर रहे गीतकार शैलेंद्र मधुर ने 'मस्ती में डूब जाइए होली मनाइए-खूब पीजिये पिलाइये होली मनाइएÓ होली पर्व के स्वरूप का चित्रण किया। इनके अलावा रायबरेली के नरकंकाल, अशोक बेशरम, डा। अशोक हंगामा हाथरस, लालजी ङ्क्षसह देहाती धनंजय शाश्वत, अमित जौनपुरी, योगेश झमाझम आदि ने काव्यपाठ किया। संयोजक राजेश निषाद पार्षद ने कहा कि रंगभरी एकादशी पर्व पर शब्दों की बौछार और फागुनी फुहार का आनंद ही कुछ और होता है। रचनाकारों के माध्यम से यह आनंद अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। महापौर अभिलाषा गुप्ता, भाजपा काशी क्षेत्र उपाध्यक्ष अवधेश चंद्र गुप्त, महानगर अध्यक्ष गणेश केशरवानी ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज को जोड़ते हैं। इस दौरान भरत जी निषाद, राजेश पाठक, सत्यजीत ङ्क्षसह, राजू श्रीवास्तव, सुभाष चंद्र वैश्य, दिगंबर नाथ चकहा, श्वेताभ निषाद, सोनू निषाद आदि मौजूद रहे।

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श्रीपथरचट्टी का 'ठहाकाÓ कल

श्रीपथरचट्टी रामलीला कमेटी के प्रांगण में 16 मार्च की शाम साढ़े सात बजे कवि सम्मेलन 'ठहाकाÓ का आयोजन होगा। कमेटी के प्रवक्ता लल्लूलाल गुप्त ÓसौरभÓ के अनुसार कवि सम्मेलन में मुंबई के सरदार प्रताप फौजदार, अलीगढ़ के डा। विष्णु सक्सेना, नई दिल्ली की डा। सरिता शर्मा, इटावा के कमलेश शर्मा, बाराबंकी के प्रमोद पंकज, रायबरेली के नरकंकाल, और प्रयागराज के कवि डा। श्लेष गौतम अपनी प्रस्तुति देेंगे।