प्रयागराज ब्यूरो । गुरुवार को झांसी में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गये गुलाम के कारनामों से उसका परिवार भी त्रस्त था। यह बात 20 मार्च को रसूलाबाद एरिया में उसका मकान ढहाने की कार्रवाई के दौरान सामने आयी थी। पता चला कि एक ही मकान में तीन भाई अलग रहते हैं। घटना के बाद गुलाम की पत्नी और बच्चे भी कभी सामने नहीं आये।
बेटियों संग ससुराल में रहती है पत्नी
रसूलाबाद घाट मेन रोड स्थित ढाल चौराहे 7-ए/10 नंबर मकान के अगले हिस्से में गुलाम पत्नी व बच्चों संग रहा करता था। तीन भाईयों में सबसे छोटे गुलाम का बड़ा भाई राहिल हसन मां कुसुंदा के साथ सबसे पीछे वाले हिस्से में रहता था। दूसरे नंबर का भाई कहीं बाहर रहता है। बताते हैं कि इस मकान में गुलाम कभी-कभार ही आया करता था। पत्नी व बच्चों संग ज्यादातर उसके दिन मेंहदौरी स्थित ससुराल में बीता करता था। दो मासूम बेटियों के साथ उसकी पत्नी सना तो मायके में ही रहती है।
बम चलाते हुए दिखा था गुलाम
24 फरवरी को बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस के गवाह व अधिवक्ता उमेश पाल और उसके गनर संदीप निषाद एवं राघवेंद्र की गोलियों एवं बम मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात में शामिल गुलाम ही था जिसने घटना स्थल पर बम की बरसात करके पूरे मोहल्ले को धुआं-धुआं कर दिया था। जान बचाकर भाग रहे उमेश पाल के गनर राघवेंद्र को गली में दौड़ाकर बम मारने वाले गुलाम का चेहरा सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में सामने आ गया। मकान ढहाये जाने के बाद भी गुलाम के बारे में कुछ पता नहीं चला तो पुलिस ने उस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया था।