प्रयागराज (ब्‍यूरो)। झांसी मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में लगी आग की घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया है। दस बच्चों की आग से जलकर दर्दनाक मौत होने के बाद प्रयागराज में भी चिल्ड्रेन अस्पताल में आग से सुरक्षा मानकों की जांच की गई। हालांकि इस दौरान हमने जो देखा वह वाकई चिंता जनक है। अस्पताल के इमरजेंसी एग्जिट पर लगाए गए ताले की वजह से आग लगने पर लोगों को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

यहां पर लगे मिले ताले
हमने पाया कि चिल्ड्रेन अस्पताल के भूतल वार्ड, वार्ड सात और एनएससीयू वार्ड में आग लगने पर निकासी के लिए बनाए गए इमरजेंसी दरवाजे पर ताला लगाया गया है। अगर कोई भगदड़ की स्थिति बनी तो अधिकतर लोग बाहर निकलने में असमर्थ साबित होंगे। इसी तरह से एसएनसीयू वार्ड को जाने वाली सीढ़ी की चौड़ाई भी काफी कम है। इससे एक बार में एक या दो लोग ही निकल सकते हैं। यह सभी चीजें देखने में हल्की लेकिन समय आने पर महंगी साबित हो सकती हैं। पूछताछ में लोगों ने बताया कि ओपीडी बिल्डिंग में भी दोपहर दो बजे के बाद ताला लगा दिया जाता है। ऐसे में बाहर निकलने के लिए वैकल्पिक रास्ते का इस्तेंमाल करना पड़ता है।

शिफ्टिंग के चक्कर में निर्माण अधूरे
एसआरएन अस्पताल कैंपस में पिछले कई सालों से चिल्ड्रेन अस्पताल की नई बिल्डिंग बन रही है लेकिन अभी तक यह पूरी नही हो सकी है।

ऐसे में जिस पुरानी बिल्डिंग में चिल्ड्रेन अस्पताल का संचालन किया जा रहा है वहां पर भी पुख्ता निर्माण नही हो पा रहा है।

डॉक्टर्स और स्टाफ का कहना है कि नई बिल्डिंग में सभी सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा गया है।

यह भी बता दें कि अस्पताल में लगे सभी आधा दर्जन सीसीटीवी कैमरे भी बंद पाए गए हैं। 2022 से इन कैमरों को चालू नही किया जा सका है।

अगर कोई घटना होती है तो सच्चाई का पता कैमरे के अभाव में पता लगाना बिल्कुल भी आसान नही होगा।

यह भी बताया गया कि झांसी की घटना के चलते आनन फानन में फायर ब्रिगेड की टीम ने मार्निंग में चिल्ड्रेन अस्पताल का दौरा किया।

इसके बाद यहां कई अग्निशमन उपकरणों को बदला गया है।