प्रयागराज (ब्यूरो)। पीडीए ने जोर शोर से यह प्रोजेक्ट शुरू किया था। बताया गया था कि उचित दर पर लोगों को फ्लैट मुहैया कराए जाएंगे। इसके चलते कई लोगों ने आवेदन कर लाटरी सिस्टम के जरिए अपने फ्लैट भी बुक करा लिए थे। लेकिन फिर निर्माण की रफ्तार पर ऐसा ब्रेक लगा कि इस अपार्टमेंट के पूरा होने की नौबत आज तक नही आई। हर पीडीए की ओर से डेड लाइन तय की जाती है और फिर इसे आगे बढ़ा दिया जाता है। इस साल भी 27 मार्च की डेड लाइन तय की गई है लेकिन जिस रफ्तार से काम चल रहा है, उससे तय समय में यह पूरा होता नही दिख रहा है।

40 ने कैंसिल करा दिए फ्लैट

14 मंजिला अलकनंदा अपार्टमेंट में कुल 140 फ्लैट बनकर तैयार होने हैं। इसके लिए लोगों ने आवेदन भी किया था। लेकिन कई साल बीतने के बाद लोगां ने बुकिंग कैसिल करानी शुरू कर दी है। अब तक 40 लोगों ने अपनी बुकिंग कैंसिल कराई है। सबसे ज्यादा 2017 में लगभग दो दर्जन लोगों ने बुकिंग कैंसिल कराई थी। बताया जा रहा है कि अभी भी 20 फीसदी तक काम अधूरा है। काम पूरा होने के बाद आवेदकों को फ्लैट पर कब्जा दिया जा सकेगा। इस अपार्टमेंट में 33 से 42 लाख रुपए तक फ्लैट के रेट निर्धारित किए गए हैं।

पांच साल में नही मिला एचीवमेंट

जानकार बताते हैं कि पीडीए के पास जमीन ही नही बची है। पिछले पांच साल में प्राधिकरण द्वारा एक भी आवासीय योजना की शुरुआत नही की जा सकी है। जबकि प्राइवेट बिल्डर्स ने इन सालों में डेढ़ दर्जन अपार्टमेंट तैयार कर दिए। यह आवास नैनी, झूंसी, फाफामऊ समेत तमाम एरिया में बनकर तैयार हुए हैं। इस मामले में भी पीडीए के अधिकारी बोलने को तैयार नही हैं। उनका कहना है कि जमीन की उपलब्धता के लिए तमाम शर्तों को पूरा करना पड़ता है। इसकी वजह से नई योजनाओं को शुरू करने में देरी हो जाती है।