प्रयागराज ब्यूरो डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। रोजाना बुखार के नए मरीज सामने आ रहे हैं। जितने सरकारी अस्पतालों में आ रहे हैं उससे कही अधिक मरीज निजी अस्पतालों और पैथोलाजी लैब में दस्तक दे रहे हैं। इनकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह से नही मिल पा रही है। जिससे बुखार के मरीजों का असली खाका तैयार नही हो पा रहा है। सरकार ने इस बार यूडीएसपी पोर्टल पर निजी संस्थान से बुखार के मरीजों की जानकारी शेयर करने के निर्देश दिए थे। जिसका 75 फीसदी निजी अस्पताल और लैब पालन नहीं कर रहे हैं।

नहीं मिलती है जानकारी
पिछले साल डेंगू के डेढ़ हजार मरीज सामने आने के बाद एक्चुअल स्थिति का पता लगाने के लिए इस बार सरकार ने फैसला लिया कि सभी निजी संस्थान अपने यहां भर्ती बुखार के मरीजों की जानकारी पोर्टल साझा करेंगे। जिससे सक्पेक्टेड डेंगू की स्थिति का भी अंदाजा लगाया जा सकेगा।

अभी तक केवल 105 रजिस्टर्ड
बता दें कि जिले में 500 निजी अस्पताल व नर्सिंग होम और 300 से अधिक पैथोलाजी लैब हैं। जिनके यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में बुखार के मरीजों की डेंगू संबंधित जांच हो रही है। इनमें से महज 52 अस्पताल और 53 पैथोलाजी लैब ही हैं जो पोर्टल पर अपना आंकड़ा साझा कर रहे हैं। बाकी अभी भी पोर्टल से दूरी बनाए हुए हैं। जबकि इसको लेकर सीएमओ ने कार्रवाई की भी चेतावनी दी है लेकिन उनके ऊपर कोई फर्क नही पड़ रहा है।

जानकारी छिपाने में होता है फायदा
निजी अस्पतालों और लैब का इस तरह की जानकारी छिपाने का फायदा भी है। भविष्य में मरीजों के साथ कोई अनहोनी होने पर उन्हें इसका कारण भी बताना पड़ सकता है। यही कारण है कि वह बुखार के मरीजों की जानकारी साझा करने में पीछे हट रहे हैं। वैसे भी डेंगू की पुष्टि एलाइजा जांच से होती है और वह जांच मेडिकल कॉलेज में होती है। पोर्टल पर जानकारी देने पर निजी संस्थानों को एलाइजा जांच भ्ीा कराना पड़ सकता है। इस समय एलाइजा जांच के जरिए डेंगू के कंफर्म मरीजों की संख्या जिले में 156 है। जोकि बुखार के प्रसार को देखते हुए काफी कम कही जा सकती है।

पोर्टल पर सूचना देने के फायदे
- डेंगू के संक्रमण का आसानी से खाका खीचा जा सकेगा।
- प्रत्येक मरीज की मानीटरिंग करना होगा आसान।
- लैब में हो रही जांच की जानकारी भी सामने आ जाएगी।
- एलाइजा जांच का दायरा भी तेजी से बढ़ जाएगा।
- किसी बुखार के मरीज के साथ अनहोनी होने पर उसकी इलाज की हिस्ट्री आसानी से पता चल जाएगी।

जिले के जो बड़े निजी अस्पताल व लैब हैं उनको पोर्टल पर जोड़ा गया है। जो अभी तक नह आए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हम चाहते हैं कि पोर्टल पर बुखार के मरीजों की पूरी जानकारी उपलब्ध हो जिससे डेंगू की एक्चुअल स्थिति का पता लगाया जा सके।
डॉ। आशु पांडेय, सीएमओ प्रयागराज