प्रयागराज ब्यूरो । डेंगू का मच्छर भी काफी स्मार्ट है। वह केवल रिहायशी और पॉश इलाकों के लोगों को ही अपना शिकार बना रहा है। मलिन बस्तियों में उसे जरा भी इंटे्रस्ट नहीं है। वरना स्वास्थ्य विभाग के पास इन इलाकों से भी डेंगू के मरीज सामने आते। जी हां, प्रयागराज में अब तक मिले सैकड़ों मामलों में एक भी केस मलिन बस्ती का नही है। सभी केस शहर के पॉश एरिया से सामने आए हैं। जबकि संक्रामक बीमारियों के फैलने की सबसे अधिक संभावना निचले इलाकों में ही होती है।

इन इलाकों में सबसे ज्यादा कहर

पिछले साल के मुकाबले इस बार भले ही डेंगू का प्रकोप इतना नही दिख रहा है लेकिन सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में बुखार के मरीजों की लाइन लगी हुई है। लास्ट ईयर शहर की मलिन बस्तियों और निचले इलाकों से 40 फीसदी केस सामने आए थे। लेकिन इस बार एक भी मामला यहां से नही मिला है। इस बार नैनी, झूंसी, बमरौली, फाफामऊ, मुंडेरा, शांतिपुरम, ट्रांसपोर्ट नगर आदि इलाकों में सबसे ज्यादा डेंगू के मामले सामने आए हैं। खासकर इनके पॉश एरिया से।

कहां से मिले कितने केसेज

एरिया केस

नैनी 12

कटरा 6

रामबाग 1

बैंक रोड 2

झूंसी 7

म्योराबाद 2

सीएमपी कॉलेज 1

रेलवे कालोनी 2

चंद्रलोक चौक 1

गौस नगर करेली 1

दरियाबाद 1

करेली 2

बैरहना 3

एलनगंज 3

तेलियरगंज 6

खरकौनी 4

सुलेम सराय 7

सिविल लाइंस 8

म्योर रोड 4

अल्लापुर 4

एमएलएन मेडिकल कॉलेज 2

बमरौली 13

फाफामऊ 7

मुट्ठीगंज 3

जीवन ज्योति अस्पताल 1

धूमनगंज 6

गोविंदपुर 1

अशोक नगर 2,

बेली 1

महेबा 2

मुुडेरा 14

सोहबिितयाबाग 4

ममफोर्डगंज 5

शांतिपुरम 9

बख्शी बाजार 1

ट्रांसपोर्ट नगर 9

करेलाबाग 2

राजापुर 5

द्वारिकापुरी कालोनी 1

पुलिस लाइन म्योहाल 2

आर्मी कैंट मजार चौराहा 1

राजरूपपुर 4

गददोपुर 1

प्रीतम नगर 6

शिवकुटी 1

मीरापुर 2

कालिंदीपुरम 4

कंधईपुर 1

छोटा बघाड़ा 2

लूकरगंज 2

खुसरोबाग 1

झलवा 4

गंगोत्रीनगर 1

न्यू कैंट कानपुर रोड 1

चौफटका 2

जार्जटाउन 1

कर्नलगंज 1

सलोरी 2

रसूलाबाद 2

कुल केस- 208

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसा नही है कि डेंगू का मच्छर केवल पॉश एरिया में ही काटता है। उनका कहना है कि लोगों में जागरुकता का अभाव है। शहर की दारागंज, गऊघाट, रसूलाबाद, छोटा बघाड़ा, सलोरी, बेली सहित तमाम एरिया की मलिन बस्तियों में लोग बीमारी पर अधिक ध्यान नही दे रहे हैं। फीवर आने पर पैथोलाजी में जांच नही कराने से बीमारी का पता नही चल पाता है। जबकि शहर के संपन्न इलाकों में रहने वाले फीवर आते ही पैथोलाजी में डेंगू की जांच कराने पहुंच जाते हैं।

इस साल नही आई बाढ़

बताया जाता है कि अधिकतर मलिन बस्तियां शहर के निचले इलाकों में हैं। इस बार बाढ़ नही आई और बारिश कम हुई है इसलिए इन एरिया में जलभराव नही हुआ है। जिसके चलते वहां पर डेंगू के मच्छर पनप नही सके हैं। जबकि पिछले साल बाढ़ आने की वजह से जलभराव हुआ था और सबसे ज्यादा मरीज निचले इलाकों और मलिन बस्तियों में मिले थे। इस बार ऐसा कोई सीन नही बना है।

वर्जन

इस साल एक भी मामला मलिन बस्ती से सामने नही आया है। सभी मामले पॉश इलाकों से हैं। पिछले साल मामले वहां से आए थे। अगर मलिन बस्तियों से मरीज सामने आते हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी।

आनंद सिंह, डीएमओ प्रयागराज

अगर कहीं जलभराव की समस्या है या घर के भीतर पानी जमा है तो वहां डेंगू के लार्वा आसानी से पनप जाते हैं। पॉश एरियाज में कूलर ,डिब्बे आदि में पानी रह जाता है। मलिन बस्तियों के आसपास बाढ़ नही आने से इस बार जलभराव नही हुआ है।

डॉ.ॅ मंसूर, फिजीशियन, बेली अस्पताल प्रयागराज