वृद्ध ज्वेलरी कारीगर के अंतिम संस्कार में मोहल्ले वाले हुए शामिल, किया सहयोग
नौकर और मालिक के बीच पारिवारिक रिश्तों का इंसानियत भरा दृश्य बुधवार को सामने आया। रतलाल (80) बीस साल पूर्व नैनी के गंगोत्री नगर में आया था। यहां वह राजेश वैश्य के सर्राफा की दुकान में बतौर कारीगर काम करने लगा। ईमानदारी व मिलनसार स्वभाव से सभी का दिल जीत लिया। मालिक राजेश ही नहीं मोहल्ले के लोग भी उसे काफी मानते थे। मंगलवार रात उसकी मौत हो गई। परिवार के बारे में कभी किसी को कुछ नहीं बताया था। लिहाजा दुकान के मालिक ने मुखाग्नि दी। उसके अंतिम संस्कार में मोहल्ले के लोगों ने मिलकर सहयोग किया।
उड़ीसा का बताता था निवासी
वृद्ध रतलाल दुकान के मालिक चक रघुनाथ निवासी राजेश वैश्य से खुद को उड़ीसा का बताता था। कई दफा गंगोत्री नगर मोहल्ले के लोगों व राजेश ने उसके परिवार के बारे में पूछने की कोशिश की। बताते हैं कि आज तक उसने किसी को अपने परिवार के बारे में कुछ नहीं बताया। मंगलवार रात जिस मकान में रहता था उसी में उसकी मौत हो गई। बात मालूम चली तो मोहल्ले के लोग व दुकान के मालिक राजेश भी पहुंचे। पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। पोस्टमार्टम बाद मोहल्ले के लोगों व राजेश ने मिलकर उसका अंतिम संस्कार किया। बताते हैं कि कुछ माह पूर्व मोहल्ले के लोगों ने उसका बर्थ-डे मनाया था। सर्राफा दुकान के मालिक राजेश कहते हैं कि वह अंग्रेजी से एमए था। उसके बच्चे जब छोटे थे तो वह पढ़ाया भी करता था। वह परिवार का एक हिस्सा बन गया था। आभूषण का वह एक बेहतरीन कारीगर भी बताया गया।
वृद्ध कई वर्षो से सर्राफा की एक दुकान पर काम करता था। यहां उसका कोई नहीं है न ही उसने कभी किसी को परिवार के बारे में बताया था। दुकान के मालिक व मोहल्ले वालों ने बताया कि इन दिनों उसकी तबियत खराब थी। सभी मिलकर उसका इलाज भी करवा रहे थे।
अजय मिश्र
चौकी इंचार्ज एग्रीकल्चर