प्रयागराज (ब्यूरो)। हर कोई अपनी शादी को यादगार बनाने के साथ शाही फील भी देना चाहता है। इसके लिए लोग तमाम तरीके अपनाते हैं। इसी तरह शादियों में विंटेज कारों को ले जाने का शौक भी चरम पर पहुंच रहा है। लगन लगते ही यह कारेें सड़कों पर नजर आने लगी हैं। लोग इन कारों को बुक कराने के लिए हजारों रुपए खर्च कर रहे हैं। हालांकि शहर में कम ही लोग हैं जो विंटेज कारों के ओनर हैं और शादियों में बुकिंग का काम करते हैं।
राजा-महाराजाओं की शान थीं कारें
अशोक नगर के रहने वाले आयुष टंडन लग्जरी कारों के साथ विंटेज कारों की भी शादियों में बुकिंग का काम करते हैं। उनके पास इस समय पांच विंटेज कारें हैं और सभी राल्य रायस के अलग अलग मॉडल हैं। बता दें कि 1934 के दशक में राल्य रायस कारों को राजा महाराजाओं की शान की सवारी कहा जाता था। समय के साथ यह कारें अब गिनती की बची हैं। लोग अपनी शादियों में लग्जरी कारों के अलावा विंटेज कारों को भी बुुक करा रहे हैं। इन्हे बारात में ले जाना और दुल्हन की विदाई में यूज करना अलग ही शाही लुक देता है।
आसानी से नहीं मिलते पाट्र्स
बताते हैं कि लगन में विंटेज कारों की जबरदस्त डिमांड होती है। हर छठवीं शादी में इन कारों की बुकिंग होती है। मौजूदा लगन में मंगलवार को उनकी तीन कारें बुक थीं। बताते हैं कि एक कार की प्रति मैरिज बुकिंग 30 से 35 हजार रुपए तक ली जाती है। क्योंकि इन कारों के पाट्र्स आसानी से नही मिलते हैं। इनका मेंटनेंस काफी कठिन होता है। इनकी बॉडी पुरानी होती है लेकिन अंदर से लग्जरी लुक दिया जाता है। जो दूल्हा दुल्हन को अलग फील देता है। शहर में 1934 से लेकर 1965 तक की राल्स रायस कारें मौजूद हैं। अधिक डिमांड होने पर दूसरे शहरों से भी विंटेज कारों को मंगाया जाता है। बता दें कि विंटेज कारों की शादियों में सबसे ज्यादा डिमांड मप्र के भोपाल और राजस्थान में होती है।
लगन के पहले दिन ही हमारी तीन कारें बुक हैं। लोग शाही फील और लुक के लिए पैसे खर्च करने से पीछे नही हटते हैं। हालांकि विंटेज कारों का मेंटनेंस महंगा होता है। धीरे धीेर शहर में इनकी डिमांड बढ़ती जा रही है।
आयुष टंडन, ओनर, विंटेज कार