मुकेश चतुर्वेदी : आस्ट्रेलिया में हनीमून मनाने का सपना देख रही महिला कोरियर कंपनी की गलती का शिकार हो गई। कंपनी की एक गलती से उसकी डाक गलत पते पर डिलेवर कर दी गई। ऐसी स्थिति में उसका वीजा नहीं बन सका। वीजा नहीं बन पाने के कारण वह आस्ट्रेलिया नहीं जा पाई। काफी प्रयास के बाद उसे कंपनी द्वारा बरती गई लापरवाही का पता। इसके बाद वह इंसाफ के लिए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग जा पहुंची। हनीमून का सपना टूटने से नाराज महिला के जरिए कंपनी पर चार लाख रुपये के जुर्माने की मांग की गई। करीब दस वर्ष बाद इस मामले में फोरम के द्वारा महिला के पक्ष में फैसला सुनाया गया। फोरम ने कहा है कि आदेश की तिथि से दो माह के अंदर कोरियर कंपनी जुर्माने का पैसा महिला को मय ब्याज भुगतान करे। साथ ही मुकदमा खर्च भी कंपनी को ही देना होगा।
पासपोर्ट भी हुआ गायब
शहर के मोती लाल नेहरू रोड निवासी डॉ। बीके सिंह की बेटी साक्षी सिंह द्वारा दायर मुकदमे में फोरम को पूरी बात बताई गई है। उनके मुताबिक नौ फरवरी 2014 को उनकी शादी हुई थी। विवाह के बाद 21 फरवरी 2014 को हनीमून के लिए उन्हें सिडनी आस्ट्रेलिया जाना था। वीजा बनवाने के लिए वह सिद्ध विनायक बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित ब्लू डार्ट एक्सप्रेस लिमिटेड कोरियर सर्विस से 07 फरवरी 2014 मूल पासपोर्ट राजौरी गार्डेन नई दिल्ली के लिए पोस्ट की थीं। पासपोर्ट के साथ वह अन्य जरूरी दस्तावेज भी भेजी थीं। इसके लिए वह बाकायदे कंपनी में लगने वाले शुल्क को भी जमा कीं। इस बात की रसीद कंपनी ने उन्हें दिया। दावा किया गया कि आप की डाक सही समय पर सही पते पर पहुंचा दिया जाएगा। समय पर जब कागजात की डिलेवरी नहीं हुई तो उन्हें चिंता होने लगी।
जानकारी देने में अनाकानी
जानकारी के लिए वह कोरियर कंपनी के दफ्तर पहुंची। तत्काल वहां पर किए गए कोरियर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। कंपनी 18 फरवरी 2014 को सूचना दी आप की डाक वहां गलत पते पर डिलवरी हो गई है। कंपनी की इस लापरवाही से आस्ट्रेलिया का बीजा बनना तो दूर कोरियर से भेजा गया पासपोर्ट भी गायब हो गया। जबकि आस्ट्रेलिया हनीमून पर जाने के लिए टिकट आदि हो गया था। इस तरह उन्होंने कोरियर कंपनी पर करीब चार लाख रुपये के नुकसान का दावा ठोंकी। उन्होंने कहा कि मांगी गई रकम में टिकट आदि के खर्च भी शामिल हैं। पासपोर्ट गायब होने की स्थिति में उन्हें सिविल लाइंस थाने में गुमशुदगी तक दर्ज करवानी पड़ी थी। इस लापरवाही उत्पन्न समस्या की जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ कोरियर कंपनी है। ऐसी स्थिति में कंपनी से चार लाख रुपये दिलवाया जाय।
महिला के पक्ष में क्या हुआ आदेश
11 नवंबर 2024 को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मो। इब्राहीम व सदस्य प्रकाश चंद्र त्रिपाठी ने फैसला सुनाया।
कागजात और साक्ष्यों के आधार पर कोरियर कंपनी को कुल 5910 रुपये की क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है।
फैसले में आयोग ने कहा है कि आदेश की तिथि से दो माह के अंदर कंपनी यह पैसा महिला को आठ प्रतिशत ब्याज साधारण ब्याज के साथ भुगतान करे।
इसके साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में पांच रुपये व वाद यानी मुकदमें आए खर्च के लिए दो हजार रुपये अलग से भी कपनी महिला को दे।