प्रयागराज (ब्यूरो)। एक फरवरी को माघ मेले का सबसे बड़ा स्नान पर्व मौनी अमावस्या है। इसमें देशभर से लाखों-करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने और पुण्य लाभ कमाने आने वाले हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल होंगी। मेला प्रशासन ने मेले के तमाम घाट पर एक हजार से अधिक चेंजिंग रूम बनवाएं हैं। यह प्लास्टिक की चादर से बने हैं और इनमें महिलाएं स्नान के बाद अपने कपड़े चेंज करती हैं। लेकिन शरारती तत्वों ने इसको भी नही छोड़ा है। उन्होंने ऐन संगम तट पर बने चेंजिंग रूम्स को फाड़ डाला है। तकरीबन बीस से अधिक चेंजिंग रूम्स की हालत पतली हो गई है।
महिलाएं बोलीं, क्या करें मजबूरी है
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने मौके पर मौजूद पुलिस के जवानों से इस बारे में पूछा तो उन्होंने जानकारी होने से इंकार किया। फिर उन्होंने कहा कि रात के समय कुछ शरारती तत्व ऐसा कारनामा करते हैं। उनकी तलाश की जा रही है। संगम स्नान करने वाली महिलाओं को शर्मिंदगी में खुले में कपड़े चेंज करने पड़े। पूछने पर उन्होंने कहा कि चेंजिंग रूम्स की हालत तत्काल ठीक की जानी चाहिए।
अब तक नहीं लगी नावों की रेट लिस्ट
शुक्रवार को कमिश्नर संजय गोयल ने संगम एरिया का भ्रमण कर नाव की किराया सूची लगाने के निर्देश दिए थे। लेकिन 24 घंटे बीतने के बाद भी रेट लिस्ट चस्पा नही की गई थी। नाव वाले एक ही जगह जाने का अलग अलग किराया मांग रहे थे। लोगों का कहना था कि रेट लिस्ट लगने से काफी सहूलियत होती है। वरना बाहरियों से नाविक कभी कभी अधिक पैसे भी वसूल लेते हैं। साथ ही कई नाविक बिना लाइफ सेफ्टी जैकेट के बिना भी नजर आए। जबकि कमिश्नर ने इसे पहनने के भी आदेश दिए थे।
हाथ जोड़कर हटाई दुकानें
शनिवार को मेला एरिया में सड़क किनारे लगी दुकानों को भी पुलिस वालों ने हाथ जोड़कर पीछे जाने को कहा। उन्होंने कहा कि कहने के बावजूद आगे आए तो कार्रवाई की जाएगी। संगम एरिया में सामान बेचने वालों को भी पुलिस वालों ने खदेड़ दिया। जो चकर्ड प्लेट ऊपर नीचे थे उनको ठीक किया गया। धूल उडऩे से होने वाली परेशानी से बचने के लिए दिनभर सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाता रहा। हालांकि इससे सड़कों पर कीचड़ और फिसलन की समस्या हो गई थी।