प्रयागराज ब्यूरो । अक्सर कंपनियां या दुकानदार उपभोक्ताओं की आंख में धूल झोक कर डैमेज सामान पकड़ा देती हैं। शिकायत के बावजूद उसे तरह-तरह के बहाने बताकर वे टरकाते रहते हैं। यदि आप जागरूक हैं तो ऐसी कंपनियों व दुकानदारों को सबक सिखा सकते हैं। जैसा कि सोनाली बबूटा ने सिखाया है। किए गए आर्डर पर कंपनी ने उन्हें टूटा हुआ कॉफी टेबल भेज दिया। यह बात उन्हें घर भेजे गए टेबल को चेक करने के बाद पता चला। इसके बाद कंपनी के कस्टमर केयर व मेल पर इस उन्होंने इसकी शिकायत की। फिर भी न तो टेबल वापस की गई और ही उनका पैसा। ऐसे में वह इंसाफ के लिए वह जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दायर कीं। मामले में सुनवाई करते हुए आयोग ने विपक्षी कंपनी के खिलाफ आदेश पारित किया। कहा कि दो महीने के अंदर कॉफी टेबल वापस लेते हुए उनका पूरा पैसा मय ब्याज वापस किया जाय। साथ ही क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय भी मेज बेचने वाली संस्था परिवादिनी दे। आयोग के इस निर्णय से हर उपभोक्ता को जागरूक करने व सबक लेने वाली है।
शिकायत को किया नजरअंदाज
परिवादिनी सोनाली बबूटा परिवार के साथ शहर में ही रहती हैं। दायर वाद में उन्होंने बताया कि 28 जुलाई 2023 को एक कॉफी टेबल आर्डर किया था। इसकी निर्धारित कीमत 12 हजार 600 रुपये रुपये भी उन्होंने जमा कर दिया। आर्डर पाने के बाद विपक्षी सर्राफ फर्नीचर कल्यानपुर रोड शरदार शहर राजस्थान ने मेज को उनके घर भेज दिया। घर पहुंचे टेबल को उन्होंने चेक किया तो वह डैमेज था। क्षतिग्रस्त उत्पाद की बाबत उनके जरिए फोन करके कस्टमर केयर पर शिकायत की गई। कस्टमर केयर ने उन्हें 48 घंटे में समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया। इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो वे जरिए मेल कंपनी को इस बात की शिकायत कीं। इस शिकायत पर भी उन्हें 48 घंटे में शिकायत को निस्तारित कराने का आश्वासन दिया गया। मगर कई दिन बीत गए और कंपनी दिए गए डैमेज सामान को लेकर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई। इस पर वे सामान वापस लेकर दिए गए पैसों को रिटर्न करने की बात कहीं। मगर विपक्षी कंपनी के द्वारा लगातार उन्हें झूठा आश्वासन फिर दिया गया। कंपनी की इस खेल व हरकत से व्यथित परिवादिनी ने उपभोक्ता फोरम यानी जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दायर कर दीं। दायर किए गए वाद में उन्होंने एक लाख रुपये की क्षतिपूर्ति व डैमेज फर्नीचर के नाम पर लिए गए पैसों को वापस कराने की मांग की। इसके लिए वह कंपनी द्वारा दी गई रसीद आदि के कागजात भी आयोग के सामने पेश किए। सुनवाई करते हुए आयोग अध्यक्ष व सदस्य ने फैसला परिवादिनी के पक्ष में सुनाया।
सब के लिए नसीहत से कम नहीं आदेश
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने मामले में विपक्षी यानी कंपनी की हरकत को उपभोक्ता के साथ चीटिंग माना है।
आयोग ने कहा है कि आदेश की तिथि से दो महीने के अंदर परिवादिनी को दी गई कॉफी टेबल कंपनी वापस ले।
साथ ही उस डैमेज टेबल का लिया गया 12 हजार 600 रुपये आठ प्रतिशत साधारण ब्याज के साथ वापस करने का आदेश दिया है।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग अध्यक्ष मोहम्मद इब्राहीम व सदस्य प्रकाश चंद्र त्रिपाठी ने कहा है कि परिवादिनी को दस हजार रुपये क्षतिपूर्ति व दो हजार वाद भी विपक्षी अदा करे।
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