प्रयागराज ब्यूरो । मई की शुरुआत में जैसे ही गर्मी ने टॉप गेयर लगाया, इसके साथ बारिश ने भी बाहे फैलानी शुरू कर दी। दिन में गर्मी और शाम को होने वाली बूंदाबांदी से उमस को बढ़ावा मिल रहा है। यह सिचुएशन स्किन के लिए घातक साबित हो रही है। स्किन एलर्जी के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। डॉक्टरों का कहना है कि जरा सी लापरवाही से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

बेमौसम बारिश से होती है प्राब्लम

गर्मी के मौसम में जबरन होने वाली बारिश से उमस बढ़ जाती है। जिससे पसीना आता है और यह बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है। ऐसी स्थिति में संक्रमण को बढ़ावा मिलने लगता है। जिससे स्किन में रैशेज, खुजली, घमौरी, एग्जिमा और दाद-खाज की दिक्कत होने लगती है। बेली अस्पताल की ओपीडी में शुक्रवार को 30 ऐसे मरीज पहुंचे जिन्हें इस तरह की समस्या थी। उन्होंने बताया कि जबसे बारिश शुरू हुई, उन्हें ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

बच्चों में जल्दी फैलता है इंफेक्शन

इस मौसम में बच्चों में स्किन इंफेक्शन तेजी से फैलता है। क्योंकि शुरुआती लक्षणों को इग्नोर करने से दूसरे बच्चे आसानी से इसकी चपेट में आ जाते हैं। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। संजय त्रिपाठी बताते हैं कि ओपीडी में ऐसे बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है। आमतौर पर पैरेंट्स ध्यान नही देते और बच्चे बारिश के गीले कपड़े पहने रहते हैं। जिससे एलर्जी या इंफेक्शन हो जाता है। साफ सफाई नही रखने से भी पसीना आने पर बैक्टीरियल इंफेक्शन को बढऩे का मौका मिल जाता है।

बीमारी के लक्षण और बचाव

खुजली- बारिश मे नमी से फंगस और बैक्टीरियल इंफेक्शन बढ़ जाता है। इससे दाद, एथलीट फुट आदि के लक्षण दिखने लगते हैं। इससे बचने के लिए स्किन धोकर अच्छे से सुखा लें। उसे माश्चराइज करते रहना चाहिए।

रैशेज- गीले कपड़ों से स्किन रैशेज होने का चांस रहता है। इससे बचने के बारिश में भीगने से बचना चाहिए। रैशेज वाली जगह पर पाउडर लगाएं और बालों को साफ रखें।

घमौरियां- पसीना आने से घमौरियां हो जाती हैं। इसके लिए साफ सफाई रखने के साथ एंटी फंगस का यूज करना होगा।

एग्जिमा- इसमें खुजली और जलन बहुत अधिक होती है। जब ये बढ़ जाए तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। बॉडी की इम्युनिटी को बढ़ाने से इससे बचाव होता है। एलर्जी वाली चीजों से दूर रहें।

दाद खाज- इस मौसम में यह आम समस्या है। इसमें बर्फ के टुकड़े को दाद खाज वाली जगह पर लगाएं। गीले कपड़ों से दूर रहें।

इन उपायो ंका भी पालन करना जरूरी

- खुद से कोई एंटी बायटिक मत लें।

- अंडर गारमेंट को रोज बदलें और साफ रखें।

- गीले और टाइट कपड़ों से बचना जरूरी।

- बच्चों की हाइजीन पर विशेष ध्यान दें।

- उमस होने पर पंखे के नीचे रहें और सूती और हल्के कपड़े पहनें।

अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो संक्रमण के मामले तो बढ़ेंगे। क्योंकि यह सीजन गर्मी का है और बारिश होने पर उमस हो जाती है। ओपीडी में स्किन के मरीज अधिक आ रहे हैँ। बच्चों ंकी संख्या भी ठीक ठाक है। इससे बचाव के लिए एलर्ट रहना होगा।

डॉ। एमके अखौरी, अधीक्षक, बेली अस्पताल