प्रयागराज (ब्यूरो)। शुक्रवार की दोपहर चौक के रहने वाले संदीप एमडीआई अस्पताल पहुंचे थे, उन्होंने डॉक्टर को बताया कि उनकी आंख में तेज जलन हो रही है। जांच में पता चला कि रंग के चले जाने से ऐसा हो रहा है। डॉक्टर ने उन्हे दवा देकर घर भेज दिया। बताया गया कि रंगों में केमिकल की मात्रा अधिक होने से यह आंखों के लिए घातक हो जाते हैं। इसी तरह से राहुल, सजीवन, सोमेन सहित दर्जनों लोगों ने अलग-अलग अस्पतालों में दस्तक दी।
आंख में डाला बैटरी का पानी
इसी तरह एक और केस एमडीआइ्र अस्पताल में पहुंचा। युवक ने बताया किसी ने उसकी आंख में बैटरी का पानी डाल दिया है। इसकी वजह से उसे दिखना बंद हो गया। डॉक्टर उसका इलाज करते रहे। होली पर ऐसे कई मामले आए जब आंखों में रंगों के साथ गंदा और खराब पानी से जाने से भी लोग परेशान हुए। डॉक्टर्स का कहना था कि आंख बेहद नाजुक होती है। इसलिए होली सहित तमाम त्योहारों पर इनके प्रति बरती गई लापरवाही खतरना क साबित हो सकती है। एमडीआई अस्पताल के डायरेक्टर डॉ। एसपी सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाओं में कभी कभी आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
त्वचा में हुई जलन
होली पर रंगों की वजह से भी लोगों को त्वचा की परेशानी का सामना करना पड़ा। इसकी वजह से लोगों को खूब एलर्जी हुई। एसआरएन अस्पताल में ऐसी समस्या को लेकर कई लोग पहुंचे। उन्हें रंगों की वजह से तेज जलन, चकत्ते पडऩे के साथ खुजली आदि की शिकायत का भी सामना करना पड़ा। डॉक्टर्स का कहना था कि रंगों में मिले केमिकल की वजह से त्वचा पर ऐसे असर देखने को मिलते हैं।