प्रयागराज (ब्यूरो)। पिछले साल यानी 2021 की बात करें तो जनवरी के पहले सप्ताह में शहर की हवा का स्तर खराब पाया गया था। इसमें धूल और मिट्टी के कणों के अलावा वाहनों से निकलने वाले धुएं की वजह से एयर क्वालिटी का स्तर 200 से 300 के बीच पहुंच गया था। इसे साइंस की भाषा में पुवर यानी खराब माना जाता है। यह स्थिति पिछले कई सालों से बनी थी। ऐसा इसलिए कि कोहरे और धुंध में एयर पाल्यूशन को बढ़ाने वाले कण काफी नीचे आ जाते हैं और वह सांस के जरिए फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।
इस साल क्या हैं हालात
मौजूदा साल में हालात एकदम उलट हैं।
शुरुआती चार दिनों में एयर क्वालिटी का स्तर बेहतर है।
यह 100 से 200 के बीच बताया जा रहा है जिसे मॉडरेट कहा जाएगा।
जानकारों का कहना है कि इस लेवल की हवा को सांस लेने योग्य माना जाता है।
200 से 300 के बीच होने पर इसे पुवर यानी खराब मान लिया जाता है।
इस सीजन में मॉडरेट लेवल होना किसी राहत से कम नही है।
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में शहर की आबोहवा इससे अधिक बेहतर स्थिति में थी।
कहां कितना है पाल्यूशन लेवल
डेट जगह एयर क्वालिटी
एक जनवरी झूंसी 185
दो जनवरी 142
तीन जनवरी 151
एक जनवरी तेलियरगंज 151
दो जनवरी 164
तीन जनवरी 121
एक जनवरी सिविल लाइंस 159
दो जनवरी 140
तीन जनवरी 126
15 हजार से अधिक वाहन, 14 पंप
जानकारों की माने तो इसके पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण शहर में सीएनजी वाहनो ंकी बढ़ती संख्या है। वर्तमान में जिले में सीएनजी वाहनों की संख्या 15850 है। जबकि सीएनजी पंप की संख्या बढ़कर तीन की जगह 14 पहुंच गई है। वर्ष 2023 के अंत तक छह नए पंप स्थापित कर दिए जाएंगे। फिर इनकी गिनती बढ़कर बीस हो जाएगी। बता दें कि शहर में बड़ी संख्या में वाहनों में सीएनजी किट अलग से लगवाने का चलन बढ़ता जा रहा है।
सड़कों पर कम दिखती है धूल
दूसरा कारण सड़कों का चौड़ीकरण माना जा रहा है। इसकी वजह से धूल के कण कम दिखने लगे हैं। बता दें कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में स्मार्ट सिटी के तहत 15 सड़कों का चोड़ीकरण और सौँदर्यीकरण किया गया है और आने वाले एक साल के भीतर 33 अन्य सड़कों का चौड़ीकरण शहरी सीमा में किया जाना है। इसके बाद धूल के गुबार दिखने एकदम कम हो जाएंगे। जबकि वाहनों के धुएं से निकलने वाले हानिकारक कण भी कम होते जा रहे हैं।
इस समय जिले में कुल 14 पंप मौजूद हैं और छह पाइप लाइन में हैं। सीएनजी वाहनों की बढ़ती संख्या की वजह से पंप की संख्या भी बढ़ती जा रही है। जनता के बीच इनकी डिमांड बनी हुई है।
पंकज सर्विस मैनेजर, इंडियन ऑयल अडानी गैस प्राइवेट लिमिटेड
वर्तमान में 15 हजार से अधिक सीएनजी वाहन मौजूद हैं। इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसकी वजह से पाल्यूशन का लेवल कम होना स्वाभाविक है।
राजीव चतुर्वेदी एआरटीओ प्रशासन प्रयागराज