प्रयागराज (ब्यूरो)। शहीद चंद्रशेखर आजाद गेट के सामने कट पर और चौकी के बगल बस स्टॉप यात्री शेड बना दिया गया है। यात्री शेड के सामने सिर्फ रोड ही है। बसों को खड़ा करके सवारी बैठाई व उतारी जा सके तनिक भी जगह नहीं छोड़ी गई। रोड पर काफी ट्रैफिक रहता है। लिहाजा बसें यदि बस स्टॉप के सामने खड़ी हो जाय तो जाम लग जाएगा। लिहाजा यहां बसें खड़ी ही नहीं होती। इस लिए पार्क में घूमने या बच्चों को घुमाने के लिए आने वालों को ई-रिक्शा और टैक्सी का ही सहारा लेना पड़ता है। पार्क के पास बनाए गए यह दोनों स्टॉपेज बसों के नहीं रुकने से व्यवस्था व सरकार का पैसा दोनों ही बर्बाद हो रहा है। जिस मकसद से इसे लाखों की लागत से शहर में नाया गया। उस मकसद पर सरकारी नुमाइंदे व ठेकेदार पानी फेर रहे हैं।
हम पिछले एक हफ्ते से दुकान लगा रहे हैं। कभी भी बनाए गए स्टॉप पर किसी भी बस को रुकते हुए नहीं देखा। बस रुकेगी भी कैसी। स्टॉप व यात्री शेड मोड़ यानी टर्निंग पर बना दिया गया है। ऐसे में यदि टर्निंग पर बस खड़ी हो जाएगी तो सिविल लाइंस साइड से पत्रिका चौराहे की तरफ जाने वाले वाहन फंस जाएंगे। ऐसे जाम लग जाएगा। इसके सामने बस खड़ी करने के लिए जगह तो है नहीं। यह तो बनाते समय जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए था। जब बस ही नहीं रुकती तो यात्री शेड में लोग बस का इंतजार क्यों करें।
सरोज कुमार, व्यापारी
शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क में तो हजारों लोग आते-जाते हैं। कुछ तो निजी वाहन से आते हैं बाकी सभी ई-रिक्शा व टैक्सी जैसे साधन का प्रयोग करते हैं। छात्रों को भी इन्हीं साधनों से आना पड़ता है। दिन में एक दो बार सिटी बस रोड पर आते जाते दिख जाती है। सिटी बस कट व पार्क चौकी के बगल बनाए गए स्टॉप पर यात्री शेड के सामने रुकते ही हमने नहीं देखा। जब कि बसों को यहां रुकना चाहिए। क्योंकि ठीक सामने व बगल में पार्क है। यहां हर रोज लोगों का आना जाना होता है।
गुड्डू, व्यापारी
काम बेहतर और पब्लिक को फायदा मिले इस तरफ जिम्मेदार ध्यान नहीं देते। सब कुछ कागज पर ही बेहतर है। धरातल पर आप कुछ भी देख लीजिए पब्लिक की सहूलियत के लिए बनाई गई हर चीज बेकार ही है। टॉयलेट बनाए गए हैं तो सफाई नहीं, यात्री शेड बस स्टॉप बनाए गए तो बस नहीं। रेड लाइट लगाई गई तो दूरी का कोई ख्याल नहीं। अधिकारी तो परेशान होते नहीं। फिर पब्लिक की सुविधा का ध्यान क्यों देंगे।
मो। आशिफ, चालक
चंद्रशेखर आजाद पार्क के सामने इस बस स्टॉप को जहां बनाया गया है क्या वहां बनना चाहिए। यह सवाल अधिकारियों से है। यहां चाहे टर्निंग हो या चौकी के बगल का बस स्टॉप दोनों को ही बनाने के लिए जगह गलत चुना गया। खुद तो रोड पर वाहनों को खड़ा करने से रोकते हैं और बस स्टॉप ऐसा बना दिए हैं कि यहां बसें रुकेंगी भी तो रोड पर। इससे जाम लगेगा। फिलहाल यहां दोनों स्टॉप पर सिटी बसें ही नहीं,ं प्राइवेट वाहन तक नहीं रुकते।
शिव कुमार, व्यापारी