प्रयागराज (ब्यूरो)। बावजूद इसके वह लौटने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। दुकान के बाहर बोर्ड पर लिखे गए मोबाइल नंबरों को ज्यादातर व्यापारी स्विच ऑफ कर रखे हैं। माना यह जा रहा है कि बकरीद के बाद बंद पड़े रेस्टोरेंट के ताले खुल सकते हैं। खैर, शुक्रवार को भी यहां शांति और सुरक्षा के मद्देनजर जहां तहां पुलिस के जवान तैनात दिखाई दिए। बवाल को एक बुरे सपने की तरह भूल कर लोग उसका जिक्र करना तक अब मुनासिब नहीं समझ रहे। धीरे-धीरे क्षेत्र की जिंदगी करीब पटरी पर आ चुकी है।
सबसे ज्यादा व्यापारियों का नुकसान
जुमे की नमाज के बाद दस जून को जो कुछ अटाला पथराव, आगजनी से लेकर बमबाजी तक की घुटना हुई थी। इस घटना में हुए धमाकों की गूंज प्रदेश के बाहर तक सुनाई दी थी। क्षेत्र में दहशत का माहौल कायम हो गया था। बवाल को देखते हुए इलाके की सारी दुकानें कई दिनों तक बंद रहीं। माहौल सामान्य होने में हफ्ते भर से भी ज्यादा का वक्त लगा। दहशत और डर के मारे अटाला में चर्चित कई रेस्टोरेंट में काम करने वाली कारीगर व अन्य कर्मचारी घर चले गए। बंद रेस्टोरेंट में लखनऊ कबाब पराठा और इलाहाबाद कबाब पराठा सहित अन्य कई छोटी नाश्ते की दुकानें भी शामिल हैं। इन रेस्टोरेंट और दुकानों के बोर्ड पर लिखे मोबाइल नंबर भी स्वीच ऑफ बता रहे हैं। जैम ईसीई क्रीम कार्नर की शॉप पिछले कुछ दिनों से खुलने लगी है। इस कार्नर के ऑनर जमाल कहते हैं कि हालात सामान्य जरूर हुए पर सेलिंग अभी पहले जैसी नहीं हुई। बवाल के इफेक्ट को लेकर अब अटाला के लोग चर्चा भी मुनासिब नहीं समझते। ऐसी चीजों का बार-बार जिक्र करने से क्या फायदा। वैसे भी व्यापारियों का बहुत नुकसान हो चुका है। व्यापारी जमाल, मो। इदरीश व मो। समी और लियाकत अली आदि कहते हैं कि बंद पड़े रेस्टोरेंट बकरीद बाद खुलने के पूरे आसार हैं। क्योंकि दस जुलाई को बकरीद पड़ रही है। बवाल के दौरान घर चले उनके कर्मचारी व कारीगर यही सोचकर नहीं आए होंगे। आते भी तो उन्हें हफ्ते भर बाद बकरीद पर घर जाना पड़ता। कहते हैं हो सकता है बकरीद मनाकर वह सभी वापस लौटें और बंद रेस्टोरेंट खुल जाएं।
शांति व सुरक्षा में डटे दिखे जवान
अटाला में शुक्रवार को कई जगह सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस के जवान तैनात नजर आए। पब्लिक स्मूथली रोड पर आवागमन कर रही थी। तैनात जवानों का कहना था कि अब यहां कोई दिक्कत नहीं है। मगर, ऐहतियात के तौर पर कुछ फोर्स लगा दी गई है। यहां ड््यूटी पर लगाए गए वार जगह-जगह बैठ कर टाइम पास करते रहे।