प्रयागराज (ब्‍यूरो)। 38वीं अखिल भारतीय प्राइज मनी इंदिरा मैराथन प्रतियोगिता में धावकों संग पब्लिक भी उत्साह से लबरेज रही। धावकों व दर्शकों का उत्साह ठंड पर भारी दिखाई दी। भीड़ और धावकों के जरिए लगाए जा रहे वेदेमातरम व भारत माता के जयकारे से पूरा क्षेत्र गूंजता रहा। रेस शुरू होने से पहले सिर्फ धावक ही नहीं दर्शकों की भीड़ भी आनन्द भवन के पास पहुंच गई थी। माइक से अनाउंस होते ही रेस के लिए खींची गई लकीर पर कतार बद्ध तरीके से रेसर जा पहुंचे। हरी झंडी के साथ अलर्ट फायर होते ही धावक लक्ष्य पूरा करने के लिए रूट पर दौडऩे लगे। रेस लगा रहे प्रतिभागियों का दर्शन रास्ते भर जोश बढ़ाते रहे। धावकों का हौसला बढ़ाने के लिए जगह-जगह लोग तालियों व पुष्प वर्षा करके हौसला आफजाई करते रहे।

भोर में ही मंच के पास जुट गई भीड़
कुल 42.195 किमी की रेस देखने के लिए सुबह देर से बिस्तर छोडऩे वाले लोग भी जल्द उठकर आयोजन स्थल पहुंच गए थे। शहर के बैंक रोड पर प्रतिभागियों के स्वागत में लोकल पब्लिक संग सैकड़ों की संख्या में छात्र पहले से खड़े थे। रेसर जैसे ही बैंक रोड पहुंचे लोग भारत माता की जय का नारा लगाने से खुद को नहीं रोक सके। हर व्यक्ति धावकों का मनोबल बढ़ाते हुए और तेज बहुत सही, भागो-भागो की आवाज बुलंद करता रहा। लोगों की आवाज कान में पहुंचते ही धावक रफ्तार बढ़ाते रहे। हर व्यक्ति अपने तरीके से धावकों का मनोबल बढ़ाने की कोशिश रास्ते भर करता रहा। एक होटल के सामने धावक जैसे ही पहुंचे वहां पहले से खड़े प्रयागराज प्रेयर्स ग्रुप के लोगों ने पुष्प वर्षा करते हुए भारत माता का जयकारा लगाकर हौसला बढ़ाया। सिविल लाइंस बस अड्डे के पास हिन्दू महिला इंटर कॉलेज की शिक्षिकाओं के द्वारा रेस में शामिल खिलाडिय़ों का स्वागत तालियां बजाकर किया गया।

फिर पसीने तरबतर हो गए रेसर
बैरहना स्थित काली माई मंदिर के पास सैकड़ों की संख्या में मौजूद दर्शकों के जरिए ढोल ताशा के साथ खड़े थे। यहां रेस जैसे ही पहुंची दर्शकों ने ढोल ताशा बजा कर धावकों का हौसला बढ़ाते हुए पुष्प वर्षा के जरिए हौसला बढ़ाया। रेस जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई धावकों के कदमों की रफ्तार वैसे-वैसे बढ़ती गई। लेपोरेसी चौराहा व मामा भांजा चौराहे पर माधव ज्ञान केंद्र इण्टर कालेज के छात्रों ने का जोरदार स्वागत किया। उनके स्वागत में छात्रों के जरिए पाइप बैंड से देश भक्ति धुन बजा कर पुष्प वर्षा की गई। इसी के साथ दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्रों ने भी पुष्प वर्षा करके धावकों का हौसला बढ़ाया। यमुना के नए ब्रिज के आगे पहुंचते-पहुंचते धावकों की रफ्तार श्लो पडऩे लगी। ठंड के मौसम में उनके कपड़े पसीने से ऐसे तर हुए मानों किसी ने उन पर कई बाल्टी मानी डाल दिया हो। पसीने से तरबतर बनियान तक को कई रेसर उतार कर फेंकते हुए आगे बढ़ गए।

बगैर मांगे मिला पानी व संतरा
रेस लगा रहे प्रतिभागियों के लिए रास्ते भर पानी और संतरे के स्टाल लगाए गए थे। बगैर रुके इन स्टालों से धावक पानी व संतरा लेकर खाते पीते हुए आगे बढ़ते रहे। संतरे का स्टॉल लगाने के पीछे एक बड़ी वजह बताई गई। कहा गया कि इसे खाने से फौरन एनर्जी मिलती है और प्यास भी नहीं लगती। हर स्टॉल पर आधा दर्जन से एक दर्जन युवा मौजूद रहे। यह युवा दौडऩे वाले हर प्रतिभागी के लिए संतरा व पानी लेकर स्टॉल के पास खड़े दिखाई दिए। ऐसा इस लिए था ताकि धावकों को कुछ भी मांगना नहीं पड़े।

पुलिस सक्रिय, स्वास्थ्य रहा सुस्त

शहर में रविवार को आयोजित इंदिरा मैराथन में पूरे रूट पर पुलिसिंग व्यवस्था काफी सक्रिय व चौकस दिखाई दी। मगर, स्वास्थ्य विभाग के लगाए गए कर्मचारियों की स्थिति काफी बदतर रही। जगह-जगह धावकों की सुरक्षा में लगे पुलिस के जवान सेवा भाव की मुद्दा में दिखाई दिए। जहां भी धावकों को तनिक तकलीफ हुई पुलिस के जवाब लपक कर उनकी मदद में पहुंच गए। कई जगह थक कर चूर व गिरने वाले धावकों को पुलिस सहारा देते हुए नजर आई। वहीं उनकी मदद दौड़ते हुए गिरने वालों की मदद में पुलिस जूझती, मगर स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस उन तक सूचना देने के बाद भी आधे घंटे बाद पहुंची। यह स्थिति यमुना नए ब्रिज व मामा भांजा के पास देखने को मिली।