प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इस सीजन में डेंगू का डंक लगातार हमलावर होता जा रहा है। महज बारह दिन में 76 नए केस सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के भी कान खड़े हो गए हैं। अस्पतालों में भी बुखार के मरीजों को भर्ती किया जा रहाह जिसके चलते बेली, काल्विन और एसआरएन अस्पताल के डेंगू वार्ड लगभग फुल हो चुके हैं। निजी अस्पतालों में भी बुखार के मरीजों के आने का सिलसिला बना हुआ है। डॉक्टर्स का कहना है कि दीवाली के बाद डेंगू के डंक से कुछ राहत मिल सकती है।

किसी को नही छोड़ रहा डेंगू
डेंगू किसी को भी नही छोड़ रहा है। हर उम्र वर्ग के मरीज इस समय अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। हालांकि सबसे ज्यादा मरीज 40 साल के भीतर के हैं। युवाओं का रक्त मच्छरों को अधिक भा रहा है। जिनमें पुरुषों की संख्या ज्यादा है। महिलाएं कम संक्रमित हो रही हैं। इसके अलावा 12 साल से कम उम्र के बच्चों और शिशु भी डेंगू के डंक की चपेट में आ रहे हैं। इस सीजन में कपड़े पहनने में लापरवाही डेंगू को बढ़ावा दे रही है।

फिर नौ मरीजों ने दी दस्तक
इसी क्रम में शनिवार को फिर से डेंगू के नौ नए मरीज सामने आए हैं। यह मरीज दारागंज, नैनी, टीपी नगर, तेलियरगंज, अल्लापुर, गोविंदपुर, सैदाबाद एरिया से मिले हैं। इनमें 18 माह के मासूम के अलावा छह और बारह साल के बच्चे भी शामिल हैं। चार फीमेल और पांच मेल हैं। अब तक प्रयागराज में टोटल डेंगू मरीजों की संख्या 167 हो चुकी है और इनमें से 130 शहरी एरिया से हैं। बीस मरीज ऐसे है जिनका इलाज घर पर किया जा रहा है।

दीवाली के बाद कम होते हैं कीट पतंगे
माना जाता है कि दीवाली के बाद कीट पतंगों की मात्रा कम होने लगती है। यही कारण है कि हर साल दीवाली के बाद डेंगू के केसेज में कमी आने लगती है। एक्सपट्र्स का कहना है कि दीवाली पर सरसों के तेल के दिये जलाए जाने से उससे निकलने वाला धुआं कीट पतंगों को खत्म करने का काम करता है। ऐसे में डेंगू का डंक भी पर्व के बाद कमजोर पड़ सकता है।

इस समय डेंगू अपने पीक पर चल रहा है। रोजाना बड़ी संख्या में मरीज आ रहे हैं। अभी कुछ दिन यह सिलसिला चल सकता है। इसके बाद अपने आप मरीज कम होने लगेंगे। फिर भी लोग जागरुक हो रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले स्थिति काफी अच्छी है।
आनंद कुमार सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज