प्रयागराज ब्यूरो । दीपावली बीत जाने के बाद भी झूुंसी की हवा में सुधार होने का नाम नहीं ले रहा है। लोग अभी भी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। इससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा शहर के दूसरे इलाकों में हवा की गुणवत्ता में सुधार जरूर हुआ है लेकिन धुंध कम होने का नाम नही ले रही है। इसकी वजह से भी लोगों में सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक्सपर्ट इसका कारण घटते तापमान को मान रहे हैं।
लगातार खराब है परफार्मेंस
झूंसी की हवा लगातार खराब स्तर पर चल रही है। हवा में धूल और धुंए के कणों की संख्या अधिक पाई जा रही है। इसकी वजह से एयर क्वालिटी का स्तर भी घट रहा है। नवंबर माह की शुरुआत से ही यह हालात बने हुए हैं। शुरुआत में दीपावली की वजह से एयर क्वालिटी खराब थी और इसके बाद ठंड बढऩे से समस्या में बढ़ोतरी हो रही है। देखा जाए तो झूंसी की एयर क्वालिटी का स्तर रविवार को 235 था। जो खराब कहा जा सकता है। इस हवा में अधिक देर तक सांस लेने से स्वस्थ व्यक्ति को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सुबह-शाम छा रही है धुंध
वर्तमान में शहर में सुबह शाम जबरदस्त धुंध छा रही है। शाम चार बजे के बाद ही सूरज की रोशनी कम हो जाती है और धुआं सा छाने लगता है। एक्सपट्र्स का कहना है कि इस समय न्यूनतम तापमान 12 डिग्री पहुंच रहा है और इसकी वजह से धूल और धुएं के कण वायुमंडल तक नही पहुंच रहे हैं। खासकर सुबह शाम स्थिति अधिक नाजुक हो रही है। अधिक ठंड बढऩे पर कोहरे के दौरान यह परेशानी बढ़ सकती है। उधर सिविल लाइंस और तेलियरगंज में हवा का स्तर में सुधार हुआ है लेकिन अभी भी एयर क्वालिटी की गुणवत्ता माडरेट है। जिसका मतलब कि अस्थमा के मरीजों को खुली हवा में सांस लेने मे प्राब्लम हो सकती है।
क्या है एक्यूआई रिमार्क
0 से 50- अच्छा
51 से 100- सैटिस्फैक्टरी
101 से 200- माडरेट
201 से 300- पुवर
301 से 400- वेरी पुवर
401 से 500- सीवियर
इस तरह से होगा बचाव
- एयर क्वालिटी खराब होने पर घर से बाहर मास्क लगाकर निकलें।
- अधिक धुंध में निकलने से बचें, प्रदूषित इलाकों की जानकारी रखें।
- अगर अस्थमा की शिकायत है तो डॉक्टर के संपर्क में बने रहें।
- अपने शहर के हवा के स्तर की जानकारी अपने पास रखें।
- बार बार सांस लेने में तकलीफ या एलर्जी आदि होने पर एलर्ट हो जाएं।
जैसे जैसे ठंड बढ़ेगी हवा का स्तर खराब होता जाएगा। इसलिए लोगों को होशियार रहने की जरूरत है। खासकर जिनको अस्थमा या दूसरी सांस की बीमारियां हैं उनको अपनी सेहत का ख्याल रखना होगा।
डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन