प्रयागराज (ब्यूरो)। हादसे को देखकर परिसर में मौजूद यात्रियों के रोंगटे खड़े हो गए। सभी चीखते चिल्लाते हुए दौड़ पड़े। भीड़ को आते देखकर चालक बस से कूद कर एसआरएम दफ्तर की ओर भाग निकला। खबर मिलते ही सिविल लाइंस इंसपेक्टर फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मृतक की बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस व बस की टक्कर से क्षतिग्रस्त स्कूटी थाने भेजवा दिया। हादसे को लेकर यात्रियों में जबरदस्त आक्रोश था। रोडवेज के एआरएम द्वारा चालक की लापरवाही स्वीकार की गई है।
घूरपुर इलाके का था निवासी
मृतक राज बहादुर घूरपुर थाना क्षेत्र के कटरा उभारी गांव निवासी कामता प्रसाद भारतीया के दो बेटों में छोटा था। वह डंडी निवासी प्रदीप कुमार के की एग्रीकल्चर सामान की दुकान में काम करके परिवार चलाता था। परिवार में पत्नी व एक बेटी और दो छोटे-छोटे बेटे हैं। उसके बड़े भाई चंदेश्वर ने बताया कि वह रोज काम पर साइकिल से जाया करता था। शनिवार सुबह भी वह साइकिल से ही प्रदीप के यहां काम पर गया था। प्रदीप अपनी स्कूटी देकर उसे किसी काम से सिविल लाइंस स्टेशन भेजा था। राज बहादुर मालिक की स्कूटी लेकर सिविल लाइंस रोडवेज बस स्टैंड परिसर के अंदर जा पहुंचा। परिसर में पहुंचते ही चालक ज्ञानेंद्र कुमार रोडवेज बस साइड लगाने के लिए आगे बढ़ा दिया।
नहीं तो हो जाता बड़ा हादसा
बस जैसे ही आगे बढ़ी कि महिला व बच्चों को बैठाकर जा रहे ई-रिक्शा से टकरा गई। बस की टक्कर से ई-रिक्शा दाहिनी ओर पलट गया। शुक्र था कि ई-रिक्शा चालक व उसमें सवार महिला एवं बच्चे बाल-बाल बच गए। इस घटना के बाद चालक प्रेशर में आ गया और स्टेयरिंग पर नियंत्रण खो बैठा। उसने अचानक बस को काटा तो राज बहादुर की स्कूटी को टक्कर मार दिया। टक्कर लगते ही स्कूटी सवार राज बहादुर गिरा और बस के पहिया की चपेट में आ गया। बस का पहिया चढ़ जाने से राज बहादुर का हेलमेट और सिर चकनाचूर हो गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। रोडवेज बस स्टैंड परिसर में हुए इस दर्दनाक हादसे को देखकर मौजूद यात्री चीख पड़े। शोर मचाते हुए लोग बस की तरफ दौड़ पड़े। लोग पहुंचते इसके पहले बस चालक कूद कर एआरएम दफ्तर की ओर भाग निकला। बस स्टैंड परिसर में हुए इस हादसे की खबर सुनते ही फोर्स के साथ सिविल लाइंस इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचे। पहुंचते ही पुलिस द्वारा बगैर देर किए राज बहादुर की बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया। इसके बाद उसकी क्षतिग्रस्त स्कूटी थाने पहुंचा दी गई। तब तक लोग पलटे हुए ई-रिक्शा को खड़ा कर चुके थे। मौका पाते ही दहशतजदा चालक सवारी व ई-रिक्शा को लेकर रोडवेज बस स्टैंड परिसर से भाग खड़ा हुआ। स्कूटी नंबर से ट्रेस करके पुलिस द्वारा जानकारी उसके मालिक प्रदीप और मृतक के घर वालों को दी गई।
11 वर्ष पुरानी बस का नहीं लगा ब्रेक
रोडवेज बस स्टैंड पर हुई घटना के करीब घटे भर बाद एआरएम मौके पर पहुंचे।
पुलिस द्वारा उसे हादसे व बस के कंडीशन को लेकर पूछताछ की गई।
उन्होंने पुलिस को बताया कि जिस बस से हादसा हुआ वह प्रयागराज, जौनपुर और आजमगढ़ रूट पर चलती है।
वह बस सिविल लाइंस डिपो की है। कहा कि चालक बगैर प्रेशर बनाए बस को आगे बढ़ा दिया।
ब्रेक का प्रेशर बनने के बाद उसने बस को आगे बढ़ाया होता तो ब्रेक स्लिप न होता और हादसा बच जाता।
एआरएम की मानें तो यह हादसा ब्रेक स्लिप करने की वजह से हुआ है। पुलिस बस को कब्जे में एवं चालक ज्ञानेंद्र कुमार को हिरासत में लिया है।
सिविल लाइंस रोड बस स्टैंड पर जिस बस से शनिवार को हादसा हुआ उसका नंबर यूपी-11-टी 5812 है।
परिवहन एप पर इस बस का रजिस्ट्रेशन वर्ष 2011 में 11 मई को शो कर रहा है। मतलब यह कि बस 11 साल छह माह पुरानी है
इसका फिटनेश 13 सितंबर 2013 एवं पाल्यूशन 12 मार्च 2023 तक परिवहन एप पर शो कर रहा है
प्रथम दृष्टया हादसे की वजह प्रेशर नहीं बन पाने से ब्रेक का न लगना सामने आया है। हादसा किन परिस्थितियों में हुआ इसकी जांच की जाएगी। बस की कंडीशन डैमेज नहीं है। चालक के गल्तियों की भी पड़ताल की जा रही है। जांच बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीबीराम, एआरएम रोडवेज
बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया है। बस थाने पर खड़ी कराकर चालक को हिरासत में ले लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद परिवार तहरीर देगा तो मुकदमा दर्ज करके विधिक कार्रवाई की जाएगी।
बीरेंद्र यादव, थाना प्रभारी सिविल लाइंस