प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर के धूमनगंज एरिया स्थित गंगा बिहार कॉलोनी निवासी विमलेश मिश्र की बेटी निशा की शादी कई साल पूर्व अरविंद दुबे से हुई थी। बताते हैं कि अरविंद दुबे परिवार के साथ गाजियाबाद स्थित लोनी मोहल्ले रहते हैं। सिविल इंजीनियर अरविंद की तैनाती इन दिनों नोएडा में हैं। परिवार में पत्नी निशा के साथ दो बेटे आयुष (15) और निर्मल (13) हैं। स्कूल में गर्मियों की छुट्टी हुई तो बच्चे नाना के घर घूमने की इच्छा व्यक्त किए। बच्चों का दिल रखते हुए अरविंद ने पत्नी निशा के साथ बेटों को यहां गंगा बिहार कॉलोनी निवासी नाना के घर भेज दिया। बच्चों को लेकर निशा हफ्ते भर पूर्व मायके पहुंची थी। सोमवती अमावस्या पर निशा व परिवार अन्य महिलाएं व्रत थीं। महिलाओं ने गंगा स्नान का प्लान बनाया तो बच्चे भी तैयार हो गए। वाराणसी निवासी निशा की बहन अन्नू भी बेटे दिव्यांश के साथ मायके आई हुई थी। दोनों बहनें निशा व अन्नू बेटों को साथ लेकर परिवार की अन्य महिलाओं संग स्नान के लिए भागलपुर गंगा नदी के अघोषित घाट पर जा पहुंची। घाट पर सभी महिलाएं और बच्चे स्नान के लिए गंगा नदी के पानी में उतर पड़े। बताते हैं कि स्नान करते समय अन्नू का बेटा दिव्यांश डूबने लगा। यह देखकर साथ रहे निशा के दोनों बेटे आयुष और निर्मल उसे बचाने की कोशिश में लग गए। मौसी के बेटे को बचाने में दोनों बालक खुद मौत के मुंह में चले गए। गहरे पानी में जाने से आयुष और निर्मल भी डूबने लगे। बेटों को डूबते देख निशा और उसकी बहन अन्नू चीखने चिल्लाने लगी। उनकी आवाज सुनकर आसपास रहे लोग दौड़ पड़े। घाट पर पहुंची लोकल पब्लिक ने दिव्यांश को बचा लिया। हालांकि उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। लोग डूब रहे दोनों भाई आयुष और निर्मल को बचाने का प्रयास कर रही रहे थे कि वह गंगा के पानी में ओझल हो गए। लोगों की सूचना पर धूमनगंज थाने की पुलिस पहुंच गई। गोताखोर बॉडी की तलाश में जुट गई। दोपहर बाद एक-एक करके दोनों की बॉडी बरामद की गई।

पुलिस होती अलर्ट तो नहीं होती घटना
लोगों के मुताबिक जिस भागलपुर कछार घाट पर घटना हुई है दरअसल व स्नान घाट है ही नहीं। आस पास के लोग वहां जाकर अपने से स्नान करते हैं। इस घाट का पुलिस या प्रशासनिक के पास कोई जिक्र नहीं है। शायद यही वजह है कि इस घाट पर नाविक या पण्डा लोग भी नहीं रहते। अपने रिस्क पर लोग यहां गंगा स्नान करते हैं। बताते हैं कि पूरा इलाका कछारी क्षेत्र है। जमीनें पूरी तरह से सपाट हैं। यदि घाट अघोषित है तो पुलिस को यहां स्नान पर रोक लगा देनी चाहिए थी। मगर धूमनगंज पुलिस द्वारा ऐसा नहीं किया गया। लोगों का कहना है कि जब पुलिस को मालूम था कि यहां आसपास के लोग स्नान करते हैं तो पर्व को देखते हुए गोताखोर व नाविकों को लगाना चाहिए था।

दोनों बालकों की बॉडी बरामद कर ली गई है। परिवार के साथ दोनों स्नान करने के लिए गए हुए थे। बचाए गए बच्चे की हालत गंभीर है। इलाज के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।
राजेश मौर्य, थाना प्रभारी धूमनगंज