प्रयागराज (ब्यूरो)। आपरेशन थिएटर में आग सुबह 11:30 बजे के आसपास लगी थी। इस दौरान डॉक्टर एक मरीज का आपरेशन भी कर रहे थे। अचानक कारीडोर में धुआं भरने से यहां लाए गए आठ मरीजों का दम घुटने लगा। तत्काल उन्हें दूसरे वार्ड में भेजा गया। इन सभी का बुधवार को आपरेशन होना था इसलिए ओटी लाए गए थे। जिस मरीज का आपरेशन चल रहा था उसे भी सुरक्षित निकाल लिया गया। बताया जाता है कि आग शार्ट सर्किट से लगी थी। देखते ही देखते फाल सीलिंग में आग फैल गई। यह देखकर लोगों के होश उड़ गए। मौके पर मौजूद फायर आफिसर ने बताया कि पूर्व में एसआरएन अस्पताल को सूचित किया गया था फिर भी फायर फाइटिंग सिस्टम को दुरुस्त नहीं कराया गया है। ऐसे में कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
एक घंटे की मेहनत के बाद मिली सफलता
एसआरएन अस्पताल में आग की सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड को पहुुंचने में अधिक समय नहीं लगा। बावजूद इसके आग पर काबू पाने में एक घंटे का समय लग गया। इसकी वजह से ओटी के कारीडोर में जबरदस्त धुआं भर गया था। इस धुएं को निकालने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। कर्मचारियों ने चादर की मदद से धुएं को बाहर निकाला। सभी खिड़की और दरवाजे को खोल दिया गया। बताया गया कि ओटी के सभी उपकरण सुरक्षित हैं। आग से जान माल का कोई नुकसान नही हुआ है।
22 दिन में दूसरी घटना
इसके पहले 25 जुलाई की रात चिल्ड्रेन अस्पताल में भी शार्ट सर्किट से आग लगी थी। पीकू वार्ड में खराब पड़े बिजली के पैनल में अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। परिजन वार्ड में भर्ती बच्चों को लेकर भागने लगे। वार्ड खाली कराने के बाद आगू पर काबू पाया जा सका था। हालांकि इस घटना में भी जान माल की हानि नही हुई थी।
12 जून को हुआ था उद्घाटन
बता दें कि इस ओटी का उदघाटन 12 जून को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने किय ाथा और इसकी लागत 2.77 करोड़ रुपए है। इस घटना के बाद घटना की जांच मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बैठा दी है। जिन संस्थाओं ने ओटी का निर्माण किया था उनसे पूछताछ की जा रही है। फायर ब्रिगेड के आने से पहले ही आग पर काफी हद तक काबू पाया जा सका था। हॉस्पिटल के एसआईसी ने बताया कि ओटी में शार्ट सर्किट से लगी आग से दिक्कते पैदा हो गई और इसकी वजह से अगले तीन से चार दिन तक यहां आपरेशन नही किए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक धुआं भरने पर ओटी का शीशा तोडऩे में एक कर्मचारी भी घायल हो गया है।