बेसिक शिक्षा सचिव से लेने पहुंचे जवाब
बेसिक शिक्षा परिषद के ट्रेनी टीचर्स पद के लिए टीईटी-2011 पास व बीएड 2011-12 के कैंडिडेट्स ने अप्लाई किया है। कैंडिडेट्स का कहना है कि शासन उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला ले रहा है, जबकि वह वजह नहीं क्लीयर कर पा रहा है। मंडे को सैकड़ों की संख्या में कैंडिडेट्स शिक्षा निदेशालय बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ऑफिस पहुंचे। ये कैंडीडेट मिर्जापुर, कानपुर, लखनऊ, सोनभद्र, जौनपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़ व इलाहाबाद आदि जनपदों से पहुंचे थे.
नहीं तो हम जाएंगे court
कैंडिडेट्स की मानें तो अध्यापक पात्रता परीक्षा के दौरान शासन की ओर से एक शासनादेश जारी किया गया था। इसमें साफ कहा गया था कि एक वर्षीय स्नातक (बीएड)/डीएड (विशेष शिक्षा)/बीएड (विशेष शिक्षा) उत्तीर्ण कर चुके या अंतिम वर्ष/परीक्षा में सम्मिलित हो रहे अभ्यर्थी भी टीईटी में अॅपीयर होने के पात्र होंगे। इसी को आधार बनाकर सचिव दफ्तर पहुंचे कैंडिडेट्स ने सचिव से आवेदन निरस्त न करते हुए मांग की। उन्होंने कहा यदि हम एलीजिबल नहीं थे तो टीईटी में अॅपीयर होने का मौका क्यों दिया गया? सर्टिफिकेट कैसे दे दिया गया? ट्रेनी टीचर्स के विज्ञापन में भी ऐसा स्पष्ट नहीं था। कैंडिडेट्स का कहना था कि उनके फॉर्म निरस्त किए गए तो वह इंसाफ के लिए कोर्ट जाएंगे.
37, 400 candidates हुए थे उत्तीर्ण
टीईटी-2011 में करीब 2.50 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स क्वालीफाई हुए थे। इनमें से करीब 37,400 कैंडिडेट्स ऐसे थे जिन्होंने 2011-12 में बीएड पास किया था। इन कैंडिडेट्स ने ट्रेनी टीचर्स के लिए 20 से 50 डिस्ट्रिक्ट तक से आवेदन किया है। आन एन एवरेज एक कैंडिडेट्स ने करीब 20 से 25 हजार रुपए चालान बनवाने पर खर्च किया है। कैंडीडेट्स की प्राब्लम यह है कि गवर्नमेंट का फैसला आया तो इन कैंडीडेट्स को चालान की राशि भी वापस नहीं होगी। इसी को लेकर कैंडीडेट खौफजदा हैं। इसी पर एक्चुअल स्थिति जानने के लिए वे बोर्ड ऑफिस पहुंचे थे.
मैनें तो 36 डिस्ट्रिक्ट से फॉर्म अप्लाई किया है। हजारों रुपए कॅरियर के लिए दांव पर लगा दिए हैं। विभाग ऐसे कैसे हम लोगों के आवेदन कैंसिल कर सकता है। टीईटी-2011 में ही हम एलिजिबल नहीं थे तो हमें सर्टिफिकेट ही क्यों दिया? ये सरासर डिपार्टमेंट की मनमर्जी है। सचिव को इसे स्पष्ट करना होगा ताकि हम लोग कोर्ट जा सकें.
-नीतू, इलाहाबाद
फॉर्मर सचिव प्रभा त्रिपाठी ने कहा था कि टीईटी में वह कैंडिडेट्स भी अपीयर हो सकते हैं जो बीएड में अपीयर हैं। टीईटी एग्जाम नवंबर 2011 में हुआ था। हम तो अपीयर ही थे। विज्ञापन में स्पष्ट है कि अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स अपीयर हो सकते हैं तो बीएड तो एक ही साल का होता है। ऐसे में हमें भला बाहर कैसे किया जा सकता है?
-अरुण प्रकाश, बनारस
एडवरटीजमेंट में सारी चीजें क्लीयर कर दी गई होतीं तो हम कन्फ्यूज नहीं होते और न ही आवेदन करते? हमें भी पता है कि गलत आवेदन पर हमारे चालान का पैसा भी वापस नहीं होगा। 20 डिस्ट्रिक्ट से फॉर्म भरा है। अब यह फैसला होता है कि हम इसमें शामिल होने के एलीजिबल नहीं हैं तो हमारे साथ भद्दा मजाक होगा.
दीपक,बनारस
कॅरियर को दिशा देने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। डेढ़ साल से मेहनत करके टीईटी पास करने से लेकर ट्रेनी टीचर्स के लिए आवेदन किया। बीएड 2011-12 पास करने वालों की संख्या कम नहीं है। डिपार्टमेंट को एडवरटीजमेंट में क्लीयर कर देना चाहिए था कि 2011-12 में बीएड करने वाले इसके पात्र नहीं होंगे। 2011 में टीईटी को लेकर जो शासनादेश जारी किया गया था उसमें भी अपीयरिंग को शामिल होने को कहा गया था। इसके बाद आवेदन कैसे निरस्त हो सकते हैं?
-राम सजीवन,अंबेडकरनगर
मैनें 40 डिस्ट्रिक्ट से आवेदन किया है। चालान बनवाने के लिए बीस हजार रुपए का इंतजाम घर वालों ने कैसे किया? यह हम ही जानते हैं। फॉर्म भरे जाने के समय रोज शहर आने-जाने में जो खर्च हुआ, वह अलग। इसके बाद भी फॉर्म रिजेक्ट कर दिए गए तब हम क्या करेंगे। ऑफिसर को जवाब देना होगा कि आखिर उनके आवेदन किस आधार पर निरस्त किए गए?
-अवनी पाल,चाका, इलाहाबाद
बेसिक शिक्षा सचिव से लेने पहुंचे जवाब
बेसिक शिक्षा परिषद के ट्रेनी टीचर्स पद के लिए टीईटी-2011 पास व बीएड 2011-12 के कैंडिडेट्स ने अप्लाई किया है। कैंडिडेट्स का कहना है कि शासन उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला ले रहा है, जबकि वह वजह नहीं क्लीयर कर पा रहा है। मंडे को सैकड़ों की संख्या में कैंडिडेट्स शिक्षा निदेशालय बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ऑफिस पहुंचे। ये कैंडीडेट मिर्जापुर, कानपुर, लखनऊ, सोनभद्र, जौनपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़ व इलाहाबाद आदि जनपदों से पहुंचे थे.
नहीं तो हम जाएंगे court
कैंडिडेट्स की मानें तो अध्यापक पात्रता परीक्षा के दौरान शासन की ओर से एक शासनादेश जारी किया गया था। इसमें साफ कहा गया था कि एक वर्षीय स्नातक (बीएड)/डीएड (विशेष शिक्षा)/बीएड (विशेष शिक्षा) उत्तीर्ण कर चुके या अंतिम वर्ष/परीक्षा में सम्मिलित हो रहे अभ्यर्थी भी टीईटी में अॅपीयर होने के पात्र होंगे। इसी को आधार बनाकर सचिव दफ्तर पहुंचे कैंडिडेट्स ने सचिव से आवेदन निरस्त न करते हुए मांग की। उन्होंने कहा यदि हम एलीजिबल नहीं थे तो टीईटी में अॅपीयर होने का मौका क्यों दिया गया? सर्टिफिकेट कैसे दे दिया गया? ट्रेनी टीचर्स के विज्ञापन में भी ऐसा स्पष्ट नहीं था। कैंडिडेट्स का कहना था कि उनके फॉर्म निरस्त किए गए तो वह इंसाफ के लिए कोर्ट जाएंगे.
37, 400 candidates हुए थे उत्तीर्ण
टीईटी-2011 में करीब 2.50 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स क्वालीफाई हुए थे। इनमें से करीब 37,400 कैंडिडेट्स ऐसे थे जिन्होंने 2011-12 में बीएड पास किया था। इन कैंडिडेट्स ने ट्रेनी टीचर्स के लिए 20 से 50 डिस्ट्रिक्ट तक से आवेदन किया है। आन एन एवरेज एक कैंडिडेट्स ने करीब 20 से 25 हजार रुपए चालान बनवाने पर खर्च किया है। कैंडीडेट्स की प्राब्लम यह है कि गवर्नमेंट का फैसला आया तो इन कैंडीडेट्स को चालान की राशि भी वापस नहीं होगी। इसी को लेकर कैंडीडेट खौफजदा हैं। इसी पर एक्चुअल स्थिति जानने के लिए वे बोर्ड ऑफिस पहुंचे थे.
मैनें तो 36 डिस्ट्रिक्ट से फॉर्म अप्लाई किया है। हजारों रुपए कॅरियर के लिए दांव पर लगा दिए हैं। विभाग ऐसे कैसे हम लोगों के आवेदन कैंसिल कर सकता है। टीईटी-2011 में ही हम एलिजिबल नहीं थे तो हमें सर्टिफिकेट ही क्यों दिया? ये सरासर डिपार्टमेंट की मनमर्जी है। सचिव को इसे स्पष्ट करना होगा ताकि हम लोग कोर्ट जा सकें।
-नीतू, इलाहाबाद
फॉर्मर सचिव प्रभा त्रिपाठी ने कहा था कि टीईटी में वह कैंडिडेट्स भी अपीयर हो सकते हैं जो बीएड में अपीयर हैं। टीईटी एग्जाम नवंबर 2011 में हुआ था। हम तो अपीयर ही थे। विज्ञापन में स्पष्ट है कि अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स अपीयर हो सकते हैं तो बीएड तो एक ही साल का होता है। ऐसे में हमें भला बाहर कैसे किया जा सकता है?
-अरुण प्रकाश, बनारस
एडवरटीजमेंट में सारी चीजें क्लीयर कर दी गई होतीं तो हम कन्फ्यूज नहीं होते और न ही आवेदन करते? हमें भी पता है कि गलत आवेदन पर हमारे चालान का पैसा भी वापस नहीं होगा। 20 डिस्ट्रिक्ट से फॉर्म भरा है। अब यह फैसला होता है कि हम इसमें शामिल होने के एलीजिबल नहीं हैं तो हमारे साथ भद्दा मजाक होगा.
दीपक,बनारस
कॅरियर को दिशा देने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। डेढ़ साल से मेहनत करके टीईटी पास करने से लेकर ट्रेनी टीचर्स के लिए आवेदन किया। बीएड 2011-12 पास करने वालों की संख्या कम नहीं है। डिपार्टमेंट को एडवरटीजमेंट में क्लीयर कर देना चाहिए था कि 2011-12 में बीएड करने वाले इसके पात्र नहीं होंगे। 2011 में टीईटी को लेकर जो शासनादेश जारी किया गया था उसमें भी अपीयरिंग को शामिल होने को कहा गया था। इसके बाद आवेदन कैसे निरस्त हो सकते हैं?
-राम सजीवन,अंबेडकरनगर
मैनें 40 डिस्ट्रिक्ट से आवेदन किया है। चालान बनवाने के लिए बीस हजार रुपए का इंतजाम घर वालों ने कैसे किया? यह हम ही जानते हैं। फॉर्म भरे जाने के समय रोज शहर आने-जाने में जो खर्च हुआ, वह अलग। इसके बाद भी फॉर्म रिजेक्ट कर दिए गए तब हम क्या करेंगे। ऑफिसर को जवाब देना होगा कि आखिर उनके आवेदन किस आधार पर निरस्त किए गए?
-अवनी पाल,चाका, इलाहाबाद