पुखरायां पर्दाफाश के बाद गहराया शक गहराया, दोनों हादसों की जांच में पटरी काटे जाने की हो चुकी है पुष्टि

पटना-इंदौर एक्सप्रेस एक्सीडेंट को लेकर हुए खुलासे के बाद खुफिया एजेंसियां हुई एलर्ट

ALLAHABAD: कानपुर के पुखरायां रेल हादसे की तरह छह साल पहले मलवा में हुए कालका मेल एक्सीडेंट और दो साल पहले अथसराय में हुए मुरी हादसे में भी कहीं आईएसआई का तो हाथ नहीं था? अब यह संभावना जताई जाने लगी है। इसे लेकर खुफिया एजेंसियों के साथ ही रेलवे ने नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। दोनों ही हादसों में रेल पटरी काटे जाने की पुष्टि रेलवे अधिकारियों की जांच में हो चुकी है।

बढ़ाई गई ट्रैक की चौकसी

20 नवंबर को कानपुर-लखनऊ रूट पर पुखरायां के पास पटना-इंदौर एक्सप्रेस के ट्रैक से उतरने से 152 लोगों की मौत के मामले में बिहार में पकड़े गए युवक के खुलासे से यह साबित हो गया है कि रेल महकमा आतंकियों के टारगेट पर है। आतंकी किसी और वारदात को अंजाम न दें पाएं, इसे ध्यान में रखते हुए ट्रेनों के साथ ही ट्रैक पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है। खासकर ट्रैक की निगरानी और उसके मेंटीनेंस के लिए लगे स्टाफ को विशेष रूप से एलर्ट रहने की हिदायत दी गई है।

कालका हादसे में हुई थी 68 मौत

10 जुलाई 2011 को मलवा स्टेशन के पास कालका मेल पलट गई थी। ट्रेन के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए थे, जिसकी वजह से ट्रेन में सवार 68 यात्रियों की मौत हो गई थी। सैकड़ों लोग घायल हुए थे। कालका मेल के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद रेलवे ट्रैक मेंटिनेंस में लापरवाही और रेल फ्रैक्चर की संभावना जताई गई थी। लेकिन जांच में पटरी काटे जाने की पुष्टि हुई थी।

यहां भी साजिश का शक

दिल्ली-हावड़ा रूट पर अथसराय स्टेशन के पास 25 मई 2015 को टाटा नगर-जम्मू तवी मुरी एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इसमें तीन लोगों की मौत हुई थी और सौ से अधिक यात्री घायल हुए थे। इस घटना में भी साजिश की संभावना जताई गई थी। क्योंकि जिस स्थान पर ट्रेन पलटी थी, वहीं पर कुछ दिनों पहले जैक लगाकर फिश प्लेट गायब किए गए थे। रेलवे सूत्रों के मुताबिक कालका और मुरी की तरह ही 21 नवंबर 2016 को पुखरायां में हादसा हुआ। इसकी जांच मुख्य सुरक्षा आयुक्त कर रहे हैं। मंगलवार को बिहार के मोतिहारी पुलिस द्वारा किए गए खुलासे के बाद जांच और शक का पूरा दायरा टर्न हो गया है।