प्रयागराज (ब्‍यूरो)। 2025 में लगने वाले महाकुंभ में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को देखते हुए टेंट सिटी को विस्तार दिया जा रहा है। यह पिछले कुंभ के मुकाबले अधिक संख्या में लगाई जाएंगी, जिनमें रुककर लोग महाकुंभ का मजा ले सकेंगे। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इसके अलावा सर्किट हाउस की संख्या में भी विस्तार किया गया है। ये पहले से अधिक संख्या में रहेंगे, जिनमें वीआईपी और वीवीआईपी गेस्ट के ठहरने की व्यवस्था की जानी है। बुधवार को हुई प्रयागराज मेला प्राधिकरण की 18वीं बोर्ड बैठक में ऐसे कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसमें यह भी बताया गया कि दूर दराज से आने वाले लोगों को महाकुंभ और प्रयागराज से परिचय कराने के लिए तमाम मोबाइल ऐप बनाए जा रहे हैं, जिनके निर्माण में इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के एक्सपट्र्स की सहायता ली जा रही है।

ले आउट प्लान पर हुआ मंथन
प्रयागराज मेला प्राधिकरण की 18वीं बोर्ड बैठक कमिश्नर विजय विश्वास पंत की अध्यक्षता में बुधवार को गांधी सभागार में हुई। जिसमें महाकुंभ 2025 से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनी। इस दौरान महाकुंभ के लेआउट प्लान पर चर्चा करते हुए मेला अधिकारी द्वारा लगभग 4000 हेक्टेयर में बसाए जा रहे मेले को 25 सेक्टरों में कैसे विभाजित किया जाएगा इसके बारे में अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि मेले केा इस प्रकार से बसाया जाएगा कि श्रद्धालु आसानी से एक से दूसरे सेक्टर में पहुंच सकें। यातायात को लेकर किसी प्रकार की परेशानी का सामना नही करना पड़ेगा। इसका ब्लू प्रिंट भी बनकर तैयार है।

लग्जरी टेंट सिटी देगी रिच फील
बैठक में मेला अधिकारी ने बताया कि 2019 कुंभ मेले में बसाई गई टेंट सिटी में 1200 टेंट बसाए गए थे।
इस बार इनकी संख्या बढ़ाकर 2000 की गई है।
ऐसा इसलिए कि महाकुंभ में देश ही नही दुनिया के कोने कोने से पर्यटकों का आना तय है।
उनको टेंट सिटी के जरिए लग्जरी और रिच फील दिया जाएगा।
जिससे वह यहां आराम से रहकर महाकुंभ के अलौकिक सौंदर्य का आनंद उठा सकें।
उन्होंने यह भी इस बार सर्किट हाउस को तीन से बढ़ाकर पांच स्थानों पर बनाया जाएगा।
इनमें कुल 250 टेंट लगाए जाने हैं। पब्लिक के ठहरने की सुविधा का भी ध्यान रखा जा रहा है।
उनके अकॉमोडेशन भी लगभग 25000 व्यक्तियों के लिए बनाया जाएगा।

हर समस्या का समाधान बनेंगे ऐप
महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तमाम ऐप जारी किए जाएंगे। यह वेबसाइट और ऐप मेले की प्रत्येक जानकारी वर्चुअली उपलब्ध कराएंगे। जिससे पर्यटकों को महाकुंभ की भव्यता को देखने और परखने में आसनी होगी। बैठक में बताया गया कि प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा वेबसाइट एवं मोबाइल ऐप को बनाने के कार्य अंतिम चरण में हैं। वेबसाइट की कार्यक्षमताओं पर मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए एमएनएनआइटी एवं ट्रिपल आईटी के प्रोफेसर्स को शामिल करते हुए बहुआयामी समिति का गठन किया गया था एवं कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा समिति के सुझावों को वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन में सम्मिलित कर लिया है। वेबसाइट एवं मोबाइल ऐप का उद्देश्य प्रयागराज एवं कुंभ मेला के इतिहास, इसकी सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक धरोहर का प्रचार प्रसार तथा महाकुंभ मेले के दृष्टिगत समुचित जानकारी श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराना है।

इन पर भी बनी सहमति
मेला अवधि एवं मेला अवधि के पश्चात वर्ष पर्यन्त आने वाले श्रद्धालुओं/पर्यटकों की बेहतर अनुभूति हेतु पूजन स्थल विकसित किए जाएंगे।
संगम में नाव एवं मोटर बोट के द्वारा सालभर आने वाले श्रद्धालुओं के सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित स्थान के दृष्टिगत वर्ष पर्यन्त उपयोग हेतु चेंजिंग रूम, पूजा स्थल एवं फ्लोटिंग जेटी की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
महाकुंभ में भी डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे जिनका मुख्य उद्देश्य मेला क्षेत्र में खोए हुए व्यक्तियों को उनके परिजनों से मिलाने में सहायता करना होगा।
इस बार लगभग 10 डिजिटल खोया पाया केंद्रों को स्थापित किया जाएगा।
फूड एवं सिविल सप्लाई की भी आईसीटी बेस्ड मॉनीटरिंग होगी।
अलोपीबाग जंक्शन, हर्षवर्धन जंक्शन, बांगड़ धर्मशाला जंक्शन, जीटी जवाहर जंक्शन एवं धूमनगंज थाना जंक्शन के सुदृढीकरण एवं विभिन्न राजमार्गों एवं अप्रोच रोड का सौंदर्यीकरण
लैंडस्केप डेवलपमेंट तथा फ्लाईओवर के सौंदर्यीकरण एवं लैंडस्केप डेवलपमेंट में मेला प्राधिकरण द्वारा अनुश्रवण किया जाएगा।