शहर में कोरोना का प्रकोप जारी, दस लोगों की बुधवार को हुई मौत
डिस्चार्ज होने वालों की संख्या बढ़ने से ली राहत की सांस
शहर में कोरोना संक्रमण के मरीज बुधवार को घटे लेकिन यह काफी नही रहा। पिछले चौबीस घंटे में कुल 1891 संक्रमण के नए मामले सामने आए। जबकि दस मरीजों की संक्रमण से मौत हो गई। इस बीच सरकारी हॉस्पिटल्स में कोरोना के सीरियस मरीजों को भर्ती किए जाने की समस्या बनी रही। लोगों को अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ रहा है।
मंगलवार की तुलना में कम संक्रमण
कोरानेा संक्रमण का ग्राफ थोड़ा सा घटा है। मंगलवार को 2142 मरीज सामने आए थे और बुधवार को यह संख्या घटकर 1891 पर आ गई। अंतर थोड़ा जरूर है कि लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि पब्लिक जागरुक हो जाए तो यह अंतर काफी बढ़ सकता है। लोगों को मास्क लगाने के साथ सोशल डिसटेंसिंग का पूरा पालन करना होगा।
हॉस्पिटल्स से डिस्चार्ज हुए 66 मरीज
बुधवार को कुल 622 मरीज संक्रमण से मुक्त होकर डिस्चार्ज कर दिए गए। इनमें 556 मरीज होम आइसोलेशन और 66 मरीज हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किए गए हैं। मंगलवार को महज 40 मरीज ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए थे। डॉक्टर्स का कहना हे कि आने वाले दिनों में इस संख्या में खासा इजाफा होगा।
जबरन हॉस्पिटल में भर्ती होने से बचें
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जिन मरीजों का कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई है और उनमें हल्के लक्षण हैं वह होम आइसोलेशन का पालन करें। उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत नही है। हॉस्पिटल में माडरेट और सीवियर मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था की गई है।
बढ़ रही टेस्ट की संख्या
पिछले चौबीस घंटों में टेस्ट की कुल संख्या 10812 रही। एसीएमओ डॉ। एके तिवारी का कहना है कि टेस्ट की संख्या में बढ़ोतरी की जा रही है। वर्तमान में चार हजार के करीब आरटीपीसीआर जोंच कराई जा रही है। जिससे अधिक से अधिक मरीजों की पहचान कर उनका इलाज किया जा सके।
काबू में नही आ रही मौतें
कुल 10 मरीजों की मौत कोरोना से हुई है। मरने वालेां में अपर शासकीय अधिवक्ता रघुराज किशोर का नाम भी शामिल है। बताया जा रहा है कि वेंटीलेटर उपलब्ध नही होने से उनकी मौत हो गई। हालांकि इसकी पुष्टि नही हो सकी। मंगलवार को 12 मौतें हुई थी और बुधवार को कोरोना से दस मरीजों की जान गई है।