प्रयागराज ब्यूरो ।हनुमान मंदिर कारिडोर का मास्टर प्लान तैयार हो चुका है। महाकुंभ 2025 के पूर्व यह काम हर हाल में पूरा किया जाएगा। कारिडोर का काम कम्प्लीट होने के बाद यहां का नजारा दिव्य और भी भव्य होगा। चूंकि काम शुरू होने वाला है। मास्टर प्लान के नक्शे में भक्तों की जरूरतों का ध्यान रखा गया है। आसानी से भक्तजन भगवान का दर्शन करके जा सकें, इस बिन्दु पर विशेष ध्यान दिया गया है। शारीरिक रूप से अक्षम श्रद्धालुओं की सुविधा का भी ध्यान नक्शे में रखा गया है। काम कम्प्लीट होने के बाद दिव्यांगजनों को सीढिय़ों से उतरकर दर्शन के बाद बाहर निकलने में परेशानी नहीं होगी। मंदिर परिसर में चारों तरफ जगह को और भी विस्तार दिया जाएगा। ताकि भीड़ बढऩे पर किसी तरह की कोई दिक्कत भक्तों को नहीं होने पाए। काम ठीक से गुणवत्ता पूर्ण हो, इस बात की मानीटरिंग खुद पीडीए के अफसर करेंगे। कारीडोर का पूरा स्वरूप कैसे होगा? यह जानने के लिए आप पूरी खबर को इत्मिनान से पढि़ए।
कतार में लगे तो दर्शन होगा पक्का
मास्टर प्लान पर गौर करें तो कारिडोर निर्माण का पूरा काम मंदिर परिसर के अंदर ही होगा। चूंकि भीड़ को देखते हुए परिसर में ओपन एरिया स्पेश काफी कम है। इस लिए चारों तरफ चौड़ाई भी बढ़ाई जाएगी। बढ़ाए गए ओपन एरिया को पूरी तरह कवर्ड किया जाएगा। इंट्री और इग्जिट के लिए तीन अतिरिक्त द्वार का निर्माण होगा। भीड़ कंट्रोल करने के लिए कारिडोर में 'क्यू मैनेजमेंट सिस्टमÓ अपनाया जाएगा। इसके लिए परिसर में लोहे या स्टील की पाइप लगाकर घुमावदार गली के आकार में रास्ते बनाए जाएंगे। दर्शन के लिए इस गली में प्रवेश के बाद भक्त बीच से नहीं निकल सकेंगे। इस लाइन में कोई भी बीच प्रवेश भी नहीं कर सकेगा। एक बार इसमें लगी कतार का हिस्सा बनने के बाद दर्शन के उपरांत ही इग्जिट गेट से बाहर आ सकेंगे। यह व्यवस्था बढ़ाए जाने वाले ओपन एरिया में इतनी बड़ी होगी कि भीड़ का पता ही नहीं चलेगा। पूरे कारीडोर के काम पर करीब 38 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया जाएगा। इस पैसे से केवल कारिडोर के निर्माण संग मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण का काम होगा.
परिसर में होंगी आठ से नौ दुकानें
कारिडोर के साथ मंदिर परिसर में दुकानें भी बनाई जाएगी। यह दुकानें बाउंड्री के अंदर होंगी। इनकी संख्या मास्टर प्लान के मुताबिक आठ से नौ होगी। इन दुकानों पर प्रसार और माला फूल जैसे सचढ़ावे के सामान ही बिक सकेंगे। दुकानों के अलाटमेंट का काम महंत संग बैठक के बाद अफसर तय करेंगे। ताकि गेट में इंट्री के बाद प्रसाद और फूल आदि के लिए भक्तों को दोबारा बाउंड्री से बाहर आने की जरूरत नहीं पड़े.
दिव्यांगजन और वृद्ध के लिए बनेगा रैंप
भगवान हनुमान मंदिर का गर्भ गृह जमीन से काफी नीचे है। इस लिए मौजूदा समय में भक्तों को दर्शन के लिए सीढिय़ों से उतर कर नीचे जाना पड़ता है। दर्शन बाद पीछे साइड सीढिय़ों से ही बाहर आने की व्यवस्था है। ऐसे में शारीरिक रूप से अक्षम भक्तों को दर्शन में काफी दिक्कत होती है। ऐसे दिव्यांगजन भक्तों के लिए मंदिर के मुख्य इंट्री और इग्जिट द्वार पर रैंप बनाए जाने का प्लान है। इसका लाभ उन वृद्ध भक्तों को भी मिलेगा जिन्हें चलने में काफी दिक्कत होती है.
लाइटिंग संग सुरक्षा के लिए कैमरे भी
कारिडोर निर्माण के बाद पूरे एरिया को आकर्षक लाइटिंग से जगमग किया जाएगा। रंगविरंगी लाइटें मंदिर की परिसर की शोभा में चारचांद लगा देंगी.
इसी के साथ चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। इंट्री और इग्जिट गेट पर हाई रेगुलेशन वाले कैमरे लगाए जाएंगे.
इसी के साथ यहां बाउंड्री के अंदर ग्रीन ग्रास और छायादार पौध भी रोपित किए जाएंगे। साथ ही फूल के पौधों को भी रोपित किया जाएगा।
भीड़ कंट्रोल के लिए मंदिर परिसर में पब्लिक एड्रेस सिस्टम का यूज होगा। मतलब चारों तरफ माइक लगाए जाएंगे.
ताकि आवश्यकता पडऩे पर प्रशासन या मंदिर के महंत द्वारा भक्तों को कोई भी संदेश आसानी से दिया जा सके.
कारिडोर यानी बाउंड्री के बाहर लगने वाली दुकानों व पार्किंग आदि की जिम्मेदारी का काम मेला प्रशासन अपने हिसाब से तय करेगा.
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