प्रयागराज (ब्‍यूरो)। बेगुनाह को किशोर को फंसाने की साजिश और शातिरों के गुनाह का घड़ा वर्षों बाद भरा। जेल के अंदर वर्षों किशोर के द्वारा की गईं दुआएं रब ने कबूल कर ली। जेल के अंदर से बेकुसूर किशोर की सिस्कियां अल कौसर सोसाइटी की अध्यक्ष अधिवक्ता नाजिया नफीस तक जा पहुंची। अपने संरक्षक अधिवक्ता राम अवतार वर्मा से परामर्श के बाद उन्होंने निर्दोष किशोर को जेल से बाहर लाने का जंग छेड़ दिया। अधिवक्ता नाजिया ने बताया कि यह पूरा मामला करेली थाने में दर्ज अपराध संख्या 481/18 धारा 354 ख 376 (2) व 5/पास्को एक्ट से सम्बंधित है।

बेसहारा की सहारा बनीं नाजिया
अल कौसर सोसायटी की अध्यक्ष नाजिया ने बताया कि किशोर पर पांच साल की बच्ची से रेप का आरोप है। उन्होंने बताया कि जब वह केस की पैरवी में जुटीं तो पता चला कि मामले की सुनवाई हो गई है। फाइल जजमेंट में है। इसके बाद नाजिया वह सक्रियता से पैरवी करते हुए फाइल को ट्रायल के लिए खुलवाने में सफल हो गईं। ट्रायल के दौरान जब अधिवक्ता नाजिया बहस में खड़ी हुईं तो किशोर के खिलाफ लगाए गए फर्जी आरोप और दर्ज मुकदमे एवं पुलिस की झूठी व मनगढ़ंत चार्जशीट से भी पर्दा उठ गया। जिसे देखकर कोर्ट भी हैरान हो उठा। नाजिया ने कोर्ट को बताया कि किशोर को निर्दोष होते हुए भी जेल काटनी पड़ रही है। उसके खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे व पीडि़ता एवं वादी के बयानों में भिन्नता है। वादी उस महिला का तक का नाम नहीं बता पा रहा जिसके द्वारा किशोर व पीडि़ता को पकड़ कर मुकदमा दर्ज कराने वाले किशोरी के पिता को सौंपा गया था। खुद वादी ने कहा कि उसे तहरीर पढ़कर नहीं सुनाई गई। जहां कहा गया उस जगह वे अंगूठा लगा दिया। किशोर की बेगुनाही व पुलिस की फेक चार्जशीट में अधिवक्ता नाजिया द्वारा कई सुबूत व साक्ष्य एवं बिन्दु कोर्ट के सामने रखे गए। नाजिया के तर्कों व पेश की गई दलीलों एवं साक्ष्यों को देखते हुए कोर्ट ने तत्काल किशोर को रिहा किए जाने का आदेश पारित किया। अधिवक्ता नाजिया ने बताया कि किशोर के पिता की मौत के बाद मां ने दूसरी शादी कर ली। शादी के बाद वह किशोर पर कोई ध्यान नहीं देती थी। उससे कभी कभार मिलने के लिए आने वाली बहन की भी आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं थी कि वह उसकी मदद या सच्चाई को साबित कर सके।

इस पूरी घटना में पुलिस के द्वारा भी घोर लापरवाही बरती गई। जिसके चलते किशोर को कई साल जेल में रहना पड़ा। अल कौसर सोसायटी ऐसे सभी बेसहारा और बेगुनाहों जो जेल में हैं उनकी मदद में पीछे नहीं रहेगी। संरक्षक अधिवक्ता राम अवतार वर्मा के मार्गदर्शन में हर असहाय बेगुनाहों की विधिक लड़ाई मुफ्त में लड़ी जाएगी।
नाजिया नफीस, अध्यक्ष अल कौसर सोसायटी