प्रयागराज (ब्‍यूरो)। बता दें कि 20 दिन पहले एक 16 वर्षीय किशोरी कि फंदे से लटकती हुई बॉडी उसके घर में मिली थी। परिजन तथा ग्रामीणों ने बिना पुलिस को इतला दिए घटना को आत्महत्या समझकर बॉडी को लीलापुर घाट पर दफना दिए थे। घटना के 5 दिन बाद मृतका की मां ने अधिकारियों को एक प्रार्थना पत्र दिया जिसमें कहा गया कि बेटी की मौत के बाद जब वह कमरे की साफ सफाई कर रही थी तो उसी समय एक मोबाइल मिला उसमे कई मिसकाल पड़े थे। जबकि मां ने कहा है कि बेटी के पास कोई मोबाइल नहीं था। वहीं घर से कुछ दूरी पर एक गिलट की चैन तथा दो अंगूठी और कुछ दूर पर नाली के पास आपत्तिजनक वस्तु पाई गई थी। इसी को आधार बताते हुए मां ने आशंका जताई कि उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया और राज छिपाने के लिए उसे मौत के घाट उतार दिया गया। उसने अफसरों से आग्रह किया कि वे कब्र खुदवाकर बेटी की बॉडी निकलवाएं और पोस्टमार्टम करावें, ताकि शंका का समाधान हो। इस लेटर को सीरियसली नोटिस लेते हुए डीएम के निर्देश पर एसएसपी ने एक टीम का गठन किया। मंगलवार कि दोपहर टीम के मौजूदगी में उसकी बॉडी को कब्र से खोदकर बाहर निकाला गया और बॉडी को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

मोबाइल दिलाने वाला ही तो कातिल नहीं
बेटी की मौत के बाद जब मां ने कमरा साफ-सफाई किया तो कमरे से एक मोबाइल मिला। उस मोबाइल पर कई अलग-अलग नंबर से मिस कॉल था। अब पुलिस ने कमरे से मिले मोबाइल फोन रख कई नंबर पर वर्कआउट करने में जुटी हुई है। पुलिस जिस दिन हुई घटना के दिन का कॉल डिटेल्स निकलवा रही है। माना जा रहा है कि कई लोग दायरे में आ सकते है। सवाल अब उठ रहा है कि आखिर कौन किशोरी मोबाइल दिलाया था। किस-किस नंबर पर बात लगातर होती है। इसके साथ उनमें से कौन सा नंबर उस एरिया में मौजूद था।