प्रयागराज (ब्यूरो)। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों को टीबी रोग के प्रति जागरूक करेगी। लक्षण मिलने पर उनके बलगम की जांच भी कराई जाएगी। बता देंं कि केंद्र सरकार ने 2025 तक टीबी के शत प्रतिशत उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। अधिकारियों की माने तो जिले में नौ मार्च से टीबी रोगियों को खोजने का अभियान शुरू होगा जाएगा।
हाई रिस्क एरिया में रहेगी नजर
10 दिनों तक चलने वाले इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम जिले में कुल आबादी की 20 प्रतिशत आबादी के शहरी एवं ग्रामीण बस्ती तथा हाई रिस्क क्षेत्र में जाएगी। नारी निकेतन, वृद्धा आश्रम, जेल में भी विशेष अभियान चलाकर जांच की जाएगी। जांच के बाद जिसमें टीबी की पुष्टि होगी उनका निशुल्क इलाज कराया जाएगा। जिला समन्वयक एसके सैमसंग एवं पीपीएम समन्वयक आशीष ङ्क्षसह ने बताया कि अभियान की तैयारी शुरू कर दी गयी है। आशा कार्यकर्ताओं व एएनएम को प्रशिक्षित कर कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई है। उनको बताया गया है कि किस प्रकार टीबी के मरीजों को चिंहित किया जाना है और उसकी तत्काल जांच कराई जानी है।
टीबी की गांठ के लक्षण
वजन कम होना
हमेशा खांसी आना
बुखार
अधिक पसीना आना
सांस ना आना
सीने में दर्द
मांसपेशियों को नुकसान
टीबी के जो मरीज छिपे हैं या उनमें लक्षणों की जांच नही हो सकी है, उनको चिंहित करने के लिए अभियान शुरू किया जा रहा है। इसमें घर-घर जाकर टीबी के मरीजों का पता लगाया जाएगा।
डॉ। एके तिवारी, जिला क्षय रोग अधिकारी, प्रयागराज