एंबुलेंस कर्मियों का धरना जारी, प्रशासन ने एफआईआर की दी चेतावनी
102-108 एंबुलेंस कर्मियों का धरना मंगलवार को भी जारी रहा। देर शाम एडीएम सिटी, एसपी सिटी, सीएमओ की ओर से कर्मियों को वार्ता के लिए बुलाया गया था लेकिन वह शामिल नहीं हुए। इसके बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने कर्मचारियों के अडि़यल रुख पर नाराजगी जताई और एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दी है। एंबुलेंस कर्मियों का कहना है कि अधिकारियों को बात करना है तो झूंसी त्रिवेणी पुरम धरनास्थल पर आएं।
गिनाई सात सूत्री मांगें
एंबुलेंस कर्मी 26 जुलाई से ड़ताल पर हैं। उनकी सात सूत्रीय मांगें हैं। उनका कहना है कि कर्मियों को एनएचएम में शामिल किया जाए, उनकी नौकरी सुरक्षित, समान वेतन व समान कार्य लाग हो, कोरोना में शहीद एंबुलेंस कर्मियों को 50 लाख का बीमा दिया जाए, पुराने कर्मचारियों को न निकाला जाए और ठेका प्रथा बंद हो।
किसलिए है धरना
प्रदेश में 250 एएलएस एंबुलेंस का ठेका नई कंपनी जेडएचएल को दिया गया है और इससे कई कर्मी बेरोजगार हो रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय जी के दिशा निर्देश में अपने हाथ में काली पट्टी बांधकर कार्य कर रहे थे। नई कंपनी पुराने कर्मचारियों को निकालकर कम पैसे में नए कर्मचारी भर्ती कर रही है। प्रयागराज कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष आशीष कुमार ने बताया कि कर्मचारियों को ठेका प्रथा से मुक्त करने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या से मांग किया है कि स्थल में आकर कर्मचारियों की समस्याएं सुने। धरने पर बंशीधर मिश्रा, सुखपाल, दिनेश कुमार, जितेन्द्र, अंकित, सुरेन्द्र कुशवाहा, राजेंद्र,सुरेश, अंकित मौर्य, आदि उपस्थित रहे।
प्राइवेट वालों ने की मनमानी
सरकारी एंबुलेंस के हड़ताल के चलते प्राइवेट एंबुलेंस वालों की मंगलवार को चांदी रही। उन्होंने मरीजाें से मनमानी रकम वसूली। एसआरएन अस्पताल के आसपास पूछताछ करने पर पता चला कि डेढ़ से दो गुना तक रकम ली गई है। अगर यह हड़ताल लंबी चली तो मरीजों को मोटी रकम देकर खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
हमारी ओर से एंबुलेंस कर्मियों को वार्ता पर बुलाया गया था लेकिन वह नहीं आए। इस पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने थाने में एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है।
डॉ नानक सरन
सीएमओ प्रयागराज