प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर में दुग्ध उत्पादन के लिए तबेला संचालकों के जरिए लगाए गए गोबर के ढेर से पैदा हो रहे मच्छर बीमारी फैला सकते हैं। बारिश में यह खतरा और भी बढ़ गया है। नालियों में गोबर बहाए जाने से समस्या और भी जटिल नजर आ रही है। बारिश में मच्छरों की संख्या गोबर और गंदगी के चलते तेजी से बढ़ते हैं। इस आशंका को देखते हुए अलर्ट नगर निगम अब तबेला संचालकों का हिट लिस्ट जल्द ही तैयार करेगा। इसके बाद शहर में संचालित तबेला की जांच की जांच जाएगी। जहां भी गोबर का ढेर या नालियों में गोबर पाया गया विभाग वहां तबेला मालिकों पर शिकंजा कसेगा। यह जिम्मेदारी नगर निगम के पशु धन विभाग को सौंपी गई है।
बारिश में अधिक बढ़ते होते हैं मच्छर
बीच शहर में दर्जनों लोग दर्जनों की संख्या में दुधारू मवेशियों को पाल रखे हैं। इनके जरिए उत्पादित दूग्ध की सप्लाई की जाती है। समस्या इससे नहीं कि ये दुग्ध की सप्लाई कर रहे। दिक्कत इनके द्वारा मवेशियों से उत्पन्न मोहल्लों में फैलाई जाने वाली गंदगी व गोबर है। दरअसल यह अधिकांश मवेशी पालक तबेला के अंदर मोहल्ले में गोबर का ढेर लगा रहे हैं। इससे दुर्गंध तो उठती ही है अब बारिश में मच्छरों के पैदा होने का भी खतरा बढ़ गया है। नगर निगम के स्वास्थ्य अफसरों का मानना है कि गोबर से मच्छर तेजी के साथ फैलते हैं। बारिश में यदि ऐसा हुआ तो बढऩे वाली मच्छरों की संख्या लोगों के बीच बीमारी का घर बन सकती है। ऊपर से इन तबेला संचालकों के जरिए गोबर नालियों में पानी के सहारे बहा दिया जाता है। यह स्थिति मच्छरों के उत्पन्न को बढ़ावा देने में और भी सहायक मानी जा रही है। यही आशंका व और वजह है कि अब नगर निगम सारे तबेला संचालकों का हिट लिस्ट तैयार करेगा। इसके बाद जांच करके जहां भी गोबर के ढेर या गंदगी अथवा नाली में गोबर पाया गया उन स्थानों पर कार्रवाई हो सकती है। गंदगी या गोबर का ढेर मिलने पर नगर निगम तबेला संचालकों से जुर्माने की रकम भी वसूल करेगा।
मवेशियों का पालन करके दुग्ध व्यवसाय कर रहे लोगों को गोबर का ढेर लगाने व नालियों में नहीं बहाने की हिदायत है। बावजूद इसके शिकायतें मिल रही हैं कि वे बाज नहीं आ रहे। ऐसी स्थिति में सारे तबेला को सूची बद्ध करके जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
एसके सिंह पशु धन अधिकारी नगर निगम