प्रयागराज (ब्यूरो)।पिछले तीन साल से बंद जार्जटाउन स्थित स्वीमिंग पूल का गेट आज तक नहीं खुल सका। स्वीमिंग सीखने के लिए बच्चे इधर उधर भटक रहे हैं। बच्चों में दम तोड़ रही प्रतिभा व इच्छा को लेकर अभिभावक भी परेशान हैं। खेल विभाग है कि इस तरफ संजीदगी से ध्यान नहीं दे रहा है। यही एक मात्र स्वीमिंग पूल है जहां पर बच्चे गर्मियों की छुट्टियों में तैराकी सीखा करते थे। स्कूलों में गर्मी की छुट्टी होने वाली है। ऐसे में एक बार फिर इस तरण ताल की याद बच्चों व उनके अभिभावकों को आने लगी है। अभिभावक कहते हैं कि विभाग बता रहा कि स्वीमिंग पूल के मेटिनेंस का काम चल रहा है। आज तक यह निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो सका है। इस ढिलाई के पीछे पब्लिक विभागीय नजरंदाजी और लापरवाही को बड़ा कारण मान रही है। स्वीमिंग पूल के नहीं चलने से तैनात तैराकी के कोच हाजिरी भरकर सरकार बगैर बच्चों को सिखाए पढ़ाए वेतन ले रहे हैं।
02
स्वीमिंग पूल है जार्जटाउन स्पोट्र्स काम्प्लेक्स में
21
मीटर लंबा और 13 मीटर चौड़ा है छोटा स्वीमिंग पूल
50
मीटर लंबा व 21 मीटर चौड़ा है बड़ा पूल
1995
में हुई थी स्वीमिंग पूल के निर्माण की शुरुआत
2005
में 16 मार्च को खेल विभाग को हुआ था हैंडओवर
2020
से बंद है जार्जटाउन स्थित स्वीमिंग पूल
विभाग नहीं दे रहा संजीदगी से ध्यान
जार्जटाउन थाने के पास खेल विभाग का स्वीमिंग पूल स्थित है। इस स्वीमिंग पूल में शहर के तमाम बच्चे गर्मियों की छुट्टियों में तैराकी सीखा करते थे। चंद रुपये की सरकारी फीस देकर बच्चों के अभिभावक एक महीने में पाल्यों को तैराकी सिखा देते थे। शहर के अंदर एक मात्र यही स्वीमिंग पूल है जहां पर तैराकी की ट्रेनिंग खुद खेल विभाग बच्चों को दिया करता था। स्थानीय लोगों की मानें तो यह स्वीमिंग पूल कोरोना काल 2020 के शुरुआत में बंद हुआ था। तब से आज तक इसके गेट में लगा हुआ ताला नहीं खुल सका।
मरम्मत के नाम पर लगा है ताला
तमाम लोग जानकारी करने के लिए मदन मोहन मालवीय स्टेडियम तक पहुंचे। उन्हें बताया गया कि स्वीमिंग पूल में लीकेज था। जिसकी वजह से मरम्मत का काम चल रहा है। धीरे-धीरे तीन साल का वक्त बीत गया। बावजूद इसके स्वीमिंग पूल के मेंटिनेंस का काम आज तक पूरा नहीं हो सका। विभागीय लोग बताते हैं कि जिले के बच्चों को स्वीमिंग सिखाने के लिए इस पूल के निर्माण का कार्य 1995 में शुरु हुआ था। कई साल बाद वर्ष 2005 के 16 मार्च को तैयार स्वीमिंग पूल खेल विभाग के हैंडओवर किया गया था। यहां दो तरह के स्वीमिंग बताए जाते हैं। एक लर्निंग स्वीमिंग पूल है। इसकी गहराई कम है और इसी में बच्चों को कोच के द्वारा तैराकी की ट्रेनिंग दी जाती थी। इसकी लंबाई 21 मीटर और चौड़ाई 13 है। बताते हैं कि एक बड़ा पूल बड़ों के लिए है। इस बड़े स्वीमिंग पूल की लंबाई 50 मीटर और चौड़ाई 21 मीटर है। स्वीमिंग में ट्रेंड बच्चे व लोग इसी बड़े तरण ताल में स्वीमिंग किया करते थे। खैर, कब तक बन कर तैयार होगा इस सवाल का जवाब विभाग के किसी भी शख्स के पास नहीं है। मदन मोहन मालवीय स्टेडियम के जिम्मेदार कहते हैं कि बजट के अभाव में कार्य रुका है। अब सवाल यह उठता है कि जब बजट ही पर्याप्त नहीं था तो इस स्वीमिंग पूल के निर्माण का कार्य शुरू ही क्यों कराया गया? खराब हालत में पड़े इस स्वीमिंग पूल को लेकर पब्लिक में विभागीय लोगों के प्रति रोष पनप रहा है।
विभागीय लोग कहते हैं कि इसमें कुछ निर्माण का कार्य चल रहा है। यह कार्य कब पूरा होगा कह पाना मुश्किल हो गया है। पूछताछ की गई तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल सका। अब स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां होने वाली हैं। छुट्टियों में यहां बच्चों की काफी भीड़ होती थी। स्वीमिंग न सीख पाने से उन्हें काफी निराश होना पड़ेगा।
एके श्रीवास्तव, जार्जटाउन
बच्चों को स्वीमिंग सिखाने के लिए यह एक बेहतर सुविधा जिले में मृत प्राय पड़ी है। विभागीय अधिकारी भी इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझ रहे। इस तरण ताल के नहीं चलने से बच्चों में तैराकी की प्रतिभाएं दब रही हैं। चाह कर भी बच्चे तैराकी नहीं सीख पा रहे हैं। स्कूल बंद होने के बाद बच्चों को मिलने वाला समय तैराकी सीखने में उपयोग हो जाता था।
रीना सिंह, जार्जटाउन