निगम प्रशासन से हुई वार्ता, मांगों पर सहमति न बनने पर की गई घोषणा

पर्यावरण अभियंता ने कहा ज्यादातर मांगें मानी गईं, हड़ताल की जानकारी नहीं

मांगें पूरी न होने पर नगर निगम के सफाईकर्मियों शनिवार शाम हड़ताल की घोषणा कर दी। इससे रविवार से शहर में न झाड़ू लगेगी और न सड़कों व गलियों से कूड़ा उठेगा। ऐसे में गंदगी से शहर बजबजा उठेगा।

चार मार्च को सौंपा था ज्ञापन

नगर निगम सफाई मजदूर यूनियन द्वारा 11 सूत्रीय मांग पत्र चार मार्च को नगर आयुक्त को सौंपा गया था। इसमें होली के पहले कर्मचारियों का वेतन, एरियर और बोनस भुगतान की मांग शामिल थी। मांगें पूरी न होने पर दो दिन से सफाईकर्मियों ने धरना-प्रदर्शन दिया। शुक्रवार को मामले में अंतिम चेतावनी दी गई थी। आंदोलनरत सफाईकर्मियों ने शनिवार को आमसभा में हड़ताल की घोषणा कर दी। यूनियन का दावा है कि दबाव में निगम प्रशासन ने आनन-फानन में वार्ता की, लेकिन कई ¨बदुओं पर स्पष्टता न होने के कारण बात नहीं बनी। यूनियन अध्यक्ष प्रदीप का कहना है कि रविवार को सभी कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर निगम में आम सभा करेंगे। मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी। वार्ता में नगर आयुक्त रवि रंजन, पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा समेत अन्य अधिकारी शामिल थे। पर्यावरण अभियंता का कहना है कि संविदा और आउटसोíसंग कर्मियों का वेतन होली से पहले भुगतान को छोड़कर ज्यादातर मांगें मान ली गईं। नगर आयुक्त ने कहा कि इस मसले पर शासन के आदेश के बाद ही निर्णय लिया जा सकेगा, क्योंकि वित्तीय मामला है। उन्होंने हड़ताल की जानकारी से इन्कार किया।

ये हैं प्रमुख मांगें

संविदा सफाईकर्मियों की ईपीएफ कटौती सुनिश्चित की जाए और रिटायरमेंट से खाली पदों पर उन्हें नियमित किया जाए।

आउटसोíसंग सफाईकर्मियों का बकाया वेतन भुगतान किया जाए और उनकी ईपीएफ कटौती की राशि उनके खाते में डाली जाए।

शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।

समस्त कर्मचारियों को वर्दी उपलब्ध कराई जाए।

सभी कर्मचारियों के वेतन से 10 रुपए प्रतिमाह की कटौती की जाए, ताकि किसी कर्मचारी की मौत होने पर उनके स्वजनों को भुगतान किया जा सके।

मृतक आश्रितों की अविलंब रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाए।