प्रयागराज (ब्‍यूरो)। किशोर अवस्था में इश्क हो गया। इश्क का जुनून इस कदर सवार हुआ कि दोनों ने घर छोडऩे का फैसला कर लिया। लड़की की उम्र कम थी तो उसके परिवारवालों ने लड़के के खिलाफ पास्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके चलते लड़के को जेल जाना पड़ गया। लेकिन, इसका असर दोनों की मोहब्बत पर बिल्कुल नहीं पड़ा। करीब दस महीने पहले वह जमानत पर जेल से छूटकर आया तो अपनी प्रेमिका के पास पहुंच गया। दोनों ने शादी करके साथ जीवन बिताने का फैसला कर लिया। जीवन आराम से गुजर रहा था। जीवन में थोड़ी खटास जमानत कराने में खर्च हुए पैसे को लेकर ही थी। इसके आगे न परिवार के लोग कुछ जानते हैं और न दोस्त कुछ बता पाने की स्थिति में हैं। दोनों की बॉडी सुबह कमरे में फांसी पर लटकती पायी गयी। इससे परिवार के साथ ही आसपास रहने वाले भी सकते में थे। पुलिस फिलहाल इसे आत्महत्या का मामला मानकर चल रही है। लड़के के परिवार के सदस्य इसे हत्या का मामला तो बता रहे थे लेकिन उन्होंने इस तरह की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कोई तहरीर समाचार लिखे जाने के समय तक नहीं दी थी।

रिश्तेदार के यहां मुलाकात
यह घटना मंगलवार की सुबह मेंहदौरी स्थित कांशीराम आवास योजना में सामने आयी। मरने वाले युवक का नाम राजेन्द्र उर्फ भगवान दास बताया गया है। मृतका का नाम नेहा उर्फ लक्ष्मी बताया गया है। नेहा की उम्र करीब 20 साल के आसपास थी। राजेन्द्र मूलरूप से बहरिया थाना क्षेत्र के जुगनूडीह का रहने वाला था। लक्ष्मी के पिता का नाम घनश्याम दास बताया गया है। वह शिवकुटी थाना क्षेत्र के मेंहदौरी मुहल्ले में स्थित कांशीराम आवास कालोनी के चौथे तल पर अपनी पत्नी मंजू व बच्चों के साथ रहते हैं। वह एक अधिवक्ता की कार चलाते हैं। लक्ष्मी उनके परिवार की इकलौती बेटी थी। मौके पर पता चला कि घनश्याम की साली नवाबगंज के चंद्रपुर गांव में ब्याही है। उनके दामाद राजेंद्र के भाई की ससुराल भी उसी गांव में है। दोनों सजातीय होने के कारण अक्सर वैवाहिक सहित दूसरे कार्यक्रम में आते-जाते थे। इसी दौरान लक्ष्मी और राजेंद्र की मुलाकात हुई। धीरे-धीरे उनके बीच प्रेम संबंध स्थापित हो गया। दोनों मिलने-जुलने लगे। दोनों का मिलना जुलना परिवार के लोगों को खटकता था। घर वालों का साथ न मिलने पर 2021 में राजेंद्र और लक्ष्मी भाग घर से भाग गए। तब लक्ष्मी नाबालिग थी। इस कारण उसके घरवालों ने नवाबगंज थाने में पाक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर राजेन्द्र को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।

जेल से आकर की शादी
बताया गया कि करीब 10 माह पहले राजेंद्र जमानत पर जेल से बाहर आया। वह लक्ष्मी को नहीं भूला था तो उससे मिला और शादी का प्रस्ताव रखा। अब बालिग हो चुकी लक्ष्मी ने शादी का प्रस्ताव रखा तो वह तैयार हो गयी। इसके बाद दोनों ने मंदिर में शादी कर ली। वह पत्नी को लेकर कभी अपने गांव जुगनूडीह में रहता तो कभी दूसरी जगह। सोमवार शाम करीब पांच बजे राजेन्द्र पत्नी के साथ अपनी ससुराल आया था। सुबह करीब 10 बजे घनश्याम बच्चों को स्कूल छोडऩे गया था। उसकी पत्नी मंजू स्नान करने के बाद कमरे में पहुंची तो बेटी और दामाद को फंदे पर लटका देख हतप्रभ रह गई। शोर सुनकर आसपास के लोग आ गए। खबर पाकर इंस्पेक्टर शिवकुटी वीरेंद्र यादव भी फोर्स और फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक दोनों के शव को फंदे से नीचे उतार लिया गया था।

खुला था कमरे का दरवाजा
एक तरफ राजेन्द्र के घरवाले हत्या का आरोप लगा रहे हैं तो दूसरी ओर लक्ष्मी के परिवार के सदस्य इसे आत्महत्या बता रहे थे। दोनों पक्ष सिर्फ अपनी बात रख रहे थे किसी के पास इसके लिए मजबूत कारण नहीं था। शिवकुटी पुलिस मौके पर पहुंची तो दोनों के शव फंदे से उतारकर नीचे रखे जा चुके थे। पूछताछ में बताया गया कि जिस कमरे में दोनों ने फांसी लगायी वह भीतर से बंद नहीं था। इसी को आधार बनाकर घटना को कत्ल बताया जा रहा था।

रात में हुई थे नोकझोंक
घटनास्थल पर मौजूद रहे पीडि़त परिवार से जुड़े लोगों के बीच चर्चा रही थी कि सोमवार को दिन में दोनों बहरिया में थे। वहां दोनों में किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। शाम को वह कालोनी पहुंचे थे और रात में फिर किसी बात पर नोंकझोंक हुई थी। पुलिस ने लड़की की मां समेत अन्य से पूछताछ की तो उन्होंने साफ तौर पर कुछ नहीं कहा। इतना ही बताया कि, जैसे दूसरे पति-पत्नी के बीच में छोटी-छोटी बात को लेकर विवाद होता है, वैसा ही उनके बीच था।

पहले लड़के की मौत
स्पॉट पर मौजूद रही राजेंद्र की भाभी सुधा ने पुलिस को बताया कि उसने सुबह करीब आठ बजे काल किया था। तब राजेंद्र का मोबाइल बंद था। फिर उसने लक्ष्मी के मोबाइल पर काल किया और बातचीत हुई। उस वक्त लक्ष्मी शायद सामान खरीदने के लिए बाहर गई थी। करीब डेढ़ घंटे बाद राजेंद्र और लक्ष्मी के मौत की खबर मिली तो सभी अवाक रह गए। पुलिस का भी कहना है कि प्रारंभिक छानबीन और परिस्थिति के अनुसार पाया गया कि पहले राजेंद्र ने खुदकशी की थी और उसके बाद लक्ष्मी फंदे पर लटकी थी।

धमकी देने वाले युवक को महिलाओं ने पीटा
घटना स्थल पर लड़की पक्ष का समर्थन करने वाले एक शख्स को कुछ महिलाओं ने पीट दिया। कहा गया है कि लक्ष्मी का पिता घनश्याम पहले मेंहदौरी कालोनी में किराए का कमरा लेकर रहता था। कालोनी में फ्लैट आवंटित होने के बाद वह वहां शिफ्ट हो गया। मकान मालिक से उनके संबंध बने रहे। लड़के के घरवालों का आरोप है कि मेंहदौरी कालोनी वाला युवक अक्सर उनके गांव आता था। मुकदमे में सुलह कराने के लिए जमीन लिखने के साथ ही पैसे की मांग करता था। धमकी भी देता था कि अगर पांच लाख रुपये ने नहीं मिले तो राजेंद्र जेल से बाहर नहीं आएगा। अगर बाहर आया तो उसे मार दिया जाएगा। यह कहते हुए उसने तीन लाख रुपये ले चुका था। लड़के के पिता, भाई और भाभी ने आरोप लगाया कि लड़की पक्ष ने मेंहदौरी वाले युवक के साथ मिलकर राजेंद्र व उसकी पत्नी को मार डाला। इसके बाद खुद को बचाने के लिए आत्महत्या की बात बताई।

प्राइमरी इंवेस्टिगेशन में पता चला है कि दम्पति के बीच किसी बात को लेकर तकरार चल रही थी। तकरार का कारण बता लगाने की कोशिश की जा रही है। संभव है कि इसी के चलते दोनों ने आत्महत्या कर ली हो। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
श्यामजीत एसीपी सिविल लाइंस

दोनों के मोबाइल को कब्जे में लेकर जांच की जा रही है। उनके मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट भी निकलवाई जा रही है। दोनों के शवों का पोस्टमार्टम बुधवार को होगा। कॉल डिटेल में कुछ संदिग्ध मिला और रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तहरीर मिली तो घटना की हर परत को खाच्लकर सच्चाई सामने लाने का प्रयास किया जायेगा।
वीरेंद्र यादव इंस्पेक्टर शिवकुटी