प्रयागराज (ब्यूरो)। कायस्थ पाठशाला चुनाव में जीतने वाले डॉ। सुशील सिन्हा की गिनती शहर के प्रख्यात डॉक्टर्स में होती है। वह दो बार उप्र नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी भी डॉक्टर हैं और दो बच्चे हैं जो पढाई कर रहे हैं। उन्होंने एशिया के सबसे बडृे ट्रस्ट का चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया। उनकी जीत पर बधाई देने वालों का देर रात तक तांता लगा रहा।
डॉ सिन्हा का अब तक का सफर
उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई लखनऊ के केजीएमसी से की है।
कमला नेहरू चिकित्सा संस्थान से उन्होंने रेडियोलाजिस्ट से डीएनबी की डिग्री हासिल की।
1998 से वह मरीजों के इलाज में लगे हैं और रेगुलर प्रेक्टिस कर रहे हैं।
उनके दो अस्पताल हैं और यह प्रयागराज में हैं।
इनमें से एक चंद्रलोक सिनेमाहाल के पास द्वारका अस्पताल है और दूसरा द्वारका मल्टी स्पेशलिटी एंड हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर है। यह अस्पताल लाउदर रोड के नजदीक स्थित है।
वह दो बार उप्र नस्र्रिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने कई मांगे उठाईं।
उनकी पत्नी रितु सिन्हा भी डॉक्टर हैं। उनकी बेटी लंदन में है और बेटा एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है।
शुरू से परिवारवाद का किया विरोध
इस चुनाव में शुरू से उन्होंने परिवारवाद का विरोध किया। उन्होंने कहा कि केपी ट्रस्ट को एक परिवार के दबाव से मुक्ति दिलाना जरूरी है। चुनाव में उनक समर्थन में एमएलसी डॉ। केपी श्रीवास्तव भी खुलकर रहे। हालांकि मतदान दिवस तक दोनों में से किसी एक प्रत्याशी की लहर समझ में नही आई। सभी इस मुकाबले को नजदीकी मान रहे थे और हुआ भी वही। सुशील सिन्हा ने इस चुनाव को महज 18 वोट से जीता है।