प्रयागराज (ब्यूरो)।सूर्य देव के बदन की तपन से धरती पर आग सरीखे बरस रही धूप से समूचे जिले के लेग त्राहिमाम कर रहे हैं। तपन का टेंप्रेचर लगातर बढ़ता ही जा रही है। पिछले दो से तापमान में सीधे दो डिग्री सेल्सियस से भी अधिक उछाल हुआ। सुबह और दोपहर ही नहीं शाम एवं रात के वक्त भी गर्मी से लोग बेहाल हैं। रविवार और सोमवार के अधिकतम तापमान 45.1 डिग्री सेल्सियस को यदि फारेन हाइट में बदल दें तो कांटा करीब 120 फारेन हाइट पर पहुंच जाएगा। डॉक्टरों की मानें तो यदि इतना तेज यदि किसी को फीवर हो जाय तो उसकी जान खतरे में आ सकती है। मतलब यह कि मौजूदा तापमान खतरे के निशान पर है। गर्मी के टंप्रेचर और मौसम के मिजाज से लोग उल्टी, दस्त, आंखों में जलन, बदन में चुभन, पेट में जलन, डिहाइड्रेशन जैसी बीमारियों के गिरफ्त में आ रहे हैं। इन रोगों के पीछे डॉक्टर्स गर्मी और मौसम के तापमान को बड़ी वजह मानते हैं। वह मरीजों का इलाज करने के साथ हर किसी के इस मौसम में सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। कहते हैं कि यदि एक दो डिग्री सेल्सियस पारा और चढ़ा तो हालात बदतर हो जाएंगे।

गर्मी और तपन से उफ कर उठे लोग

सुबह आठ बजे तक आसमान से जिले में धूप आग की तरह बरस रही है। घड़ी की सुई के साथ धूप की जलन भी बढ़ी जाती है। सोमवार को को धूप व गर्मी के तपन से हर कोई बेहाल रहा। घर व दफ्तर से बाहर निकलते ही आग के लपटों की तरह धूप लोगों को परेशान करती रही। तपन इतनी तीखी और तेज कि हर कोई गर्मी और धूप से उर्फ करता रहा। सात जून तक धूप के तपन और गर्मी का अधिकतम तापमान 39 व न्यूनतम 27 एवं 28 डिग्री सेल्यिस रहा। यहां तक तो गर्मी व धूप की तपन लोगों के लिए काबिले बर्दाश्त रही। आठ जून से तपन का पारा उछला तो अधिकतम तापमान 41 एवं न्यूनतम 27 डिग्री सेल्यिस पर पहुंच गया। पारा चढ़ा तो धूप की जलन और गर्मी से दस जून तक तकरीबन मौसम के मिजाज से त्राहिमाम कर उठे। दस जून के बद पारा फिर चढ़ा और अधिकतम 44 व न्यूनतम 30 डिग्री सेल्यिस पर चढ़ गया।

पंखों से भी नहीं मिल रही राहत

सुबह और दोपहर तो दूर रात में भी लोगों को पंखे के नीचे भी पसीने से तरबतर रहे। उमस के चलते गर्मी से लोगों को राहत दे पाने में कूलर भी अक्षम दिखाई दिया। सोमवार को मौसम का जो मिजाज रहा उससे हर कोई परेशान हो उठा। मौसम विद बताते हैं कि सोमवार को जिले का टंप्रेचर करीब 45.1 अधिकतम व न्यूनतम तकरीब 30.6 डिग्री सेल्सियस रहा। डॉक्टर्स कहते हैं कि इस मौसम में लोगों को संभल कर रहने की जरूरत है। एक दो प्वाइंट यदि तापमान और बढ़ा तो लापरवाही की दशा में जानलेवा भी साबित हो सकता है।