प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर में शत्रु संपत्तियों का सर्वे का काम पूरा हो गया है और अब इनके मूल्यांकन की बारी है। इसके लिए आई गृह मंत्रालय की टीम ने पीडीए और नगर निगम से कागजात मांगे हैं। पूरे साक्ष्य जुटा लेने के बाद इन संपत्तियों का मूल्यांकन किया जाएगा। फिर आक्शन यानी नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। टीम के सदस्यों का कहना है कि सबसे ज्यादा हंडिया में शत्रु संपत्तियों के मामले सामने आए हैं।
पीडीए ने कब्जा कर बेचा
टीम का कहना है कि पूरे जिले में 120 शत्रु संपत्तियां चिंहित हुई हैं। इसमें से 29 संपत्तियां सदर एरिया में हैं। इनमें से 21 संपत्तियों को पीडीए ने कब्जा कर बेचा है। जिसमें आवासीय कालोनियां भी बनाई गई हैं। अब इनके डाक्यूमेंट पीडीए से मांगे गए हैं। नगर निगम से भी डिटेल ली जा रही है। शहर एरिया में यह संपत्तियां सराय नीवी और कमोरी चौक सहित कुछ एरिया में चिंहित की गई हैं। टीम के द्वारा इन संपत्तियों का सर्वे कर रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है। बता दें कि इस समय देशभर में 12 हजार 611 शत्रु संपत्ति हैं और सबसे ज्यादा यूपी में 6 हजार 255 शत्रु संपत्ति है। जिनका सर्वे किया जा रहा है।
जो पैसा जमा कराएगा संपत्ति उसकी
एक बार कागजात एकत्र हो जाने के बाद संपत्तियों का मूल्यांकन पीडब्ल्यूडी से कराया जाएगा। संपत्तियों का रेट उस एरिया के सर्किल रेट के हिसाब से डिसाइड किया जाना है। टीम का कहना है कि देखा जाएगा कि कौन इन संपत्तियों पर कब्जा कर रहा है और कौन किराएदारी पर है। मूल्यांकन के बाद जो इसका पैसा जमा कराएगा वह संपत्ति लेगा, अन्यथा उसकी नीलामी कराई जाएगी। यह सब एक प्रक्रिया के तहत कराया जाना है। बता दें कि जिले में सबसे ज्यादा शत्रु संपत्ति हंडिया में सामने आई है।
क्या है शत्रु संपत्ति
जिन लोगों ने चीन या पाकिस्तान की नागरिकता हासिल कर ली है। वे अपने पीछे जो संपत्ति भारत में छोड़ गए हैं उनको शत्रु संपत्ति कहा जाता है। शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 ऐसी संपत्तियों को नियंत्रित भी करता है। इस अधिनियम को गृह मंत्रालय ने लागू किया था, जिसका इस समय पूरे देश में पालन कराया जा रहा है। सरकार चाहती है कि इन संपत्तियों को कब्जे मे ले लिया जाए ताकि जंग के दौरान इन जमीनों का लाभ दुश्मन उठा न सके।