महीने भर ट्रैफिक डायवर्ट करके एनएच कराएग पुल की सर्जरी
मेंटिनेंस का काम पूरा होने के बाद बढ़ जाएगी पुल की लाइफ और ब्यूटी
PRAYAGRAJ: शहर को लखनऊ से लेकर अयोध्या तक जोड़ने वाले फाफामऊ में गंगा नदी पर बने चंद्रशेखर आजाद पुल की हालत ठीक नहीं है। लगातार 33 वर्षो से दिन रात ट्रैफिक का बोझ उठा रहा यह पुल जख्मी हो गया है। इसकी सेहत फिट करने के लिए सर्जरी की सख्त जरूरत है। सर्जरी करके इसे वर्किंग बनाने के लिए महीने भर आवागमन रोकने का फैसला लिया गया है।
ब्यूटीफिकेशन का पार्ट है सर्जरी
बता दें कि फाफामऊ बाईपास से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी तिराहे तक रोड़ चौड़ीकरण किया जा रहा है। रोड के निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। काम लगभग कम्प्लीट होने की ओर है। पुल की सेहत को दुरुस्त किये बिना चौड़ीकरण और ब्यूटीफिकेशन का काम कम्प्लीट नहीं हो सकता। इसीलिए पुल को एक माह के लिए बंद कराकर काम करने का फैसला लिया गया है।
33 वर्षो से उठा रहा ट्रैफिक का बोझ
शहर से फाफामऊ को जोड़ने वाले चंद्रशेखर आजाद सेतु का निर्माण 1988 में हुआ था।
इस पुल की ऊंचाई लम्बाई 98 मीटर है।
बनने के बाद से आज तक इस पुल पर कभी यातायात बाधित नहीं हुआ।
दिन रात लखनऊ से लेकर रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अयोध्या जैसे अन्य जनपदों के लोग प्रयागराज शहर में आवागमन कर रहे हैं।
बीच-बीच में पुल के एक्सटेंशन में दिक्कतें आ गई हैं।
पुल के शाकर में भी ऑयल व ग्रीसिंग की जरूरत है।
एक दो जगह पुल की रेलिंग तक टूट गई है।
कई जनपदों को जोड़ने वाले इस पुल की मरम्मत का होना जरूरी हो गया है।
शायद यही वजह रही कि फाफामऊ बाई पास से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी तक रोड चौड़ीकरण कर रहे एनएचएआई को पुल के सर्जरी का भी काम सौंपा गया।
यह ब्रिज हाईवे का एक अहम हिस्सा है।
शासन ने फाइनल किया बजट
रोड चौड़ीकरण से लेकर पुल के मेंटिनेंस तक का बजट शासन ने फाइनल कर दिया है। विभाग के लोग बताते हैं कि यह बजट करीब 178 करोड़ है। रोड के चौड़ीकरण का काम युद्ध स्तर पर जारी है। पुल के मेंटिनेंस को लेकर ट्रैफिक डायवर्जन का भी खाका खींचा जा चुका है। मतलब यह कि महीने भर के लिए फाफामऊ पुल यानी चंद्रशेखर आजाद सेतु से आवागमन का बंद किया जाना तय है।
फिर निहारते रह जाएंगे आप
फाफामऊ ब्रिज की सर्जरी के बाद डिपार्टमेंट फेसियल भी करेगा। मतलब यह कि मेंटिनेंस वर्क समाप्त होने के बाद रेलिंग व फुटपाथ की पेटिंग, लाइटिंग जैसे अन्य कार्य भी किए जाएंगे। एक महीने में यह काम पूरा होने के बाद पुल पर जगह-जगह गंगा सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर श्लोगन बोर्ड लिखवाने का काम भी प्लान शामिल है। यह सारे काम हो जाने के बाद इस पुल की सुंदरता निहारने लायक होगी।
पुल के मेंटिनेंस का काम बगैर ट्रैफिक को रोके या डायवर्ट किए संभव नहीं है। प्लान के तहत काम करने के लिए कम से कम एक महीने का वक्त अवश्य चाहिए। इसीलिए ट्रैफिक डायवर्जन किए जाने का प्लान बनाया गया है।
इं। आरके मिश्रा
सहायक अभियंता रा.मा। खण्ड-1