प्रयागराज ब्यूरो । अतीक और अशरफ हत्याकांड के आरोपितों को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया। प्रतापगढ़ जेल में बंद तीनों हत्यारोपितों पर गुरुवार को आरोप तय होना था। मगर एक आरोपित ने अपना वकील तय करने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा। इस पर कोर्ट ने एक सुनवाई के लिए एक सिंतबर की डेट फिक्स की है। इस बीच में आरोपित को अपना वकील तय कर लेना है।

दो आरोपितों ने तय कर लिया है वकील

अतीक अशरफ हत्याकांड के आरोपित अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी और सनी सिंह प्रतापगढ़ जेल में बंद हैं। तीनों ने मिलकर 15 अप्रैल की रात दोनों भाइयों की हत्या कर दी थी। हत्याकांड काल्विन अस्पताल में हुआ था। दोनों भाइयों की हत्या पुलिस कस्टडी में हुई थी। तीनों आरोपितों को पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार किया था। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त पिस्टल भी मौके से ही बरामद की थी। पिछली पेशी पर हत्यारोपितों ने अपना वकील तय करने की सूचना जिला जज की कोर्ट को दी थी। वकील गौरव सिंह का नाम बताया गया था। गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तीनों को कोर्ट में पेश किया गया।

एक आरोपित ने मांगा समय

तीन में से एक आरोपित सनी सिंह ने पेशी के दौरान कोर्ट से अपना वकील तय करने के लिए समय मांगा। कहा कि अभी वह अपना वकील तय नहीं कर सका है। इसके लिए उसे वक्त चाहिए। इस पर अन्य दोनों आरोपितों के वकील गौरव सिंह ने कहा कि अभी तक सनी सिंह के परिवार ने उनसे सनी सिंह के केस की पैरवी के लिए मुलाकात नहीं की है। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए एक सितंबर की डेट फिक्स की है।

13 जुलाई को दाखिल हुई चार्जशीट

अतीक अशरफ हत्याकांड के तीनों आरोपितों के खिलाफ 13 जुलाई को चार्जशीट दाखिल की गई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने चार्जशीट को संज्ञान में लेने के बाद केस को परीक्षण के लिए सत्र न्यायालय को भेज दिया था।

हत्यारोपित अरुण, लवलेश और सनी ङ्क्षसह के विरुद्ध आइपीसी की धारा 302, 307, 302, 120 बी, 419, 420, 467, 468, शस्त्र अधिनियम और 377 क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट के तहत आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया है।

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अतीक के बहनोई और ड्राइवर की जमानत खारिज

उमेश पाल और उसके दो सरकारी गनर की हत्या के आरोपित अतीक के बहनोई डा। अखलाक अहमद और ड्राइवर कैश की जमानत अर्जी गुरुवार को खारिज हो गई। सत्र न्यायालय ने जमानत का पर्याप्त आधार न पाने पर निरस्त किया। यह आदेश विशेष न्यायाधीश अनिरुद्ध कुमार तिवारी ने अभियोजन अधिकारी एवं आरोपितों के अधिवक्ता को सुनकर दिया।

अभियोजन अधिकारी ने अदालत को बताया कि आरोपितों का नाम विवेचना के दौरान प्रकाश में आया था। 24 फरवरी को उमेश पाल, गनर संदीप निषाद एवं राघवेंद्र ङ्क्षसह की गोली, बम मारकर हत्या की गई थी। माफिया का बहनोई अखलाक मेरठ का रहने वाला है।