अंत मे श्रीराम ने विनय पूर्वक परशुराम को मनाया और तब सीता ने प्रभु के गले मे जयमाल डालकर वरण किया और आसमान से देवगण पुष्प वर्षा करने लगे।
लीला मंचन की शुरुआत आशुतोष जायसवाल (कोषाध्यक्ष) के द्वारा भगवान की आरती से प्रारम्भ हुआ। संचालन संयुक्त मंत्री आशीष बाजपेयी ने किया। इस दौरान कुंज बिहारी मिश्र, संजीव बाजपेयी, दुर्गेश दुबे, दुकान जी आदि मौजूद रहे।
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